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Saturday, September 19, 2020

श्री शनि अष्टोत्तर शतनामावली होने वाले 3 लाभ {shir Shani Ashtottar Shatnamavali} शनि देव को प्रसन्न करने के लिए ये 3 काम अवश्य करें।

श्री शनि अष्टोत्तर शतनामावली shri shani ashtottar shatnamavali mantra ke jap se 3 labh

शनिदेव दुुःख केे कारक भी है और निवारक भी। शनिदेव   दृष्टि से बचने के लिए श्री शनि अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करना बहुत लाभकारी सिद्ध होता है। हर शनिवार को प्रातः काल स्नान करके श्री शनि अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करें , लाभ अवश्य ही प्राप्त होगा। शनि देव सूर्य देव के पुत्र है और इन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है। जिसके जैसे बुरे कर्म होते है उन्हें वैसी सजा देते है और अच्छे कर्म वाले को कर्म के अनुसार फल भी प्रदान करते है। अतः शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ये 3 काम अवश्य करें।

  1. शनिवार के दिन काला तील चढ़ाएं।
  2. सरसों का तेल चढ़ाएं।
  3. काले कुत्ते को रोटी खिलाएं
और प्रत्येक शनिवार इसका जाप करें।
  1. ऊँ श्री शनैश्चराय नमः।
  2. ऊँ शान्ताय नमः।
  3. ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः।
  4. ऊँ शरण्याय नमः।
  5. ऊँ वरेण्याय नमः।
  6. ऊँ सर्वेशाय नमः।
  7. ऊँ सौम्याय नमः।
  8. ॐ सुरवंद्याय नमः।
  9. ऊँ सुरलोकविहारिणे नमः।
  10. ऊँ सुखासनोपविष्टाय नमः।
  11. ऊँ सुन्दराय नमः।
  12. ऊँ घनाय नमः।
  13. ऊँ घनरूपाय नमः।
  14. ऊँ घनाभरणधारिणे नमः।
  15. ऊँ घनसारविलेपाय नमः।
  16. ऊँ खद्योताय नमः।
  17. ऊँ मन्दाय नमः।
  18. ऊँ मन्दचेष्टाय नमः।
  19. ऊँ महनीयगुणात्मने नमः।
  20. ऊँ मर्त्यपावनपदाय नमः।
  21. ऊँ महेशाय नमः।
  22. ऊँ छायापुत्राय नमः।
  23. ऊँ शर्वाय नमः।
  24. ऊँ शततूणीरधारिणे नमः।
  25. ऊँ चरस्थिरस्वभावाय नमः।
  26. ॐ अचञ्चलाय नमः।

  27. ऊँ नीलवर्णाय नमः।
  28. ऊँ नित्याय नमः।
  29. ऊँ नीलाञ्जननिभाय नमः।
  30. ऊँ नीलाम्बरविभूशणाय नमः।
  31. ऊँ निश्चलाय नमः।
  32. ऊँ वेद्याय नमः।
  33. ऊँ विधिरूपाय नमः।
  34. ऊँ विरोधाधारभूमये नमः।
  35. ऊँ भेदास्पदस्वभावाय नमः।
  36. ऊँ वज्रदेहाय नमः।
  37. ऊँ वैराग्यदाय नमः।
  38. ऊँ वीराय नमः।
  39. ऊँ वीतरोगभयाय नमः।
  40. ऊँ विपत्परम्परेशाय नमः।
  41. ऊँ विश्ववन्द्याय नमः।
  42. ऊँ गृध्नवाहाय नमः।
  43. ऊँ गूढाय नमः।
  44. ऊँ कूर्माङ्गाय नमः।
  45. ऊँ कुरूपिणे नमः।
  46. ऊँ कुत्सिताय नमः।
  47. ऊँ गुणाढ्याय नमः।
  48. ऊँ गोचराय नमः।
  49. ऊँ अविद्यामूलनाशाय नमः।
  50. ऊँ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः।
  51. ऊँ आयुष्यकारणाय नमः।
  52. ऊँ आपदुद्धर्त्रे नमः।
  53. ऊँ विष्णुभक्ताय नमः।
  54. ऊँ वशिने नमः।
  55. ऊँ विविधागमवेदिने नमः।
  56. ऊँ विधिस्तुत्याय नमः।
  57. ऊँ वन्द्याय नमः।
  58. ऊँ विरूपाक्षाय नमः।
  59. ऊँ वरिष्ठाय नमः।
  60. ऊँ गरिष्ठाय नमः।
  61. ऊँ वज्राङ्कुशधराय नमः।
  62. ऊँ वरदाभयहस्ताय नमः।
  63. ऊँ वामनाय नमः।
  64. ऊँ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः।
  65. ऊँ श्रेष्ठाय नमः।
  66. ऊँ मितभाषिणे नमः।
  67. ऊँ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः।
  68. ऊँ पुष्टिदाय नमः।
  69. ऊँ स्तुत्याय नमः।
  70. ऊँ स्तोत्रगम्याय नमः।
  71. ऊँ भक्तिवश्याय नमः।
  72. ऊँ भानवे नमः।
  73. ऊँ भानुपुत्राय नमः।
  74. ऊँ भव्याय नमः।
  75. ऊँ पावनाय नमः।
  76. ऊँ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः।
  77. ऊँ धनदाय नमः।
  78. ऊँ धनुष्मते नमः।
  79. ऊँ तनुप्रकाशदेहाय नमः।
  80. ऊँ तामसाय नमः।
  81. ऊँ अशेषजनवन्द्याय नमः।
  82. ऊँ विशेषफलदायिने नमः।
  83. ऊँ वशीकृतजनेशाय नमः।
  84. ऊँ पशूनां पतये नमः।
  85. ऊँ खेचराय नमः।
  86. ऊँ खगेशाय नमः।
  87. ऊँ घननीलाम्बराय नमः।
  88. ऊँ काठिन्यमानसाय नमः।
  89. ऊँ आर्यगणस्तुत्याय नमः।
  90. ऊँ नीलच्छत्राय नमः।
  91. ऊँ नित्याय नमः।
  92. ऊँ निर्गुणाय नमः।
  93. ऊँ गुणात्मने नमः।
  94. ऊँ निरामयाय नमः।
  95. ऊँ निन्द्याय नमः।
  96. ऊँ वन्दनीयाय नमः।
  97. ऊँ धीराय नमः।
  98. ऊँ दिव्यदेहाय नमः।
  99. ऊँ दीनार्तिहरणाय नमः।
  100. ऊँ दैन्यनाशकराय नमः।
  101. ऊँ आर्यजनगण्याय नमः।
  102. ऊँ क्रूराय नमः।
  103. ऊँ क्रूरचेष्टाय नमः।
  104. ऊँ कामक्रोधकराय नमः।
  105. ऊँ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः।
  106. ऊँ परिपोषितभक्ताय नमः।
  107. ऊँ परभीतिहराय नमः।
  108. ऊँ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः।।  

Shri shani श्री शनि अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करने से लाभ।


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