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Sunday, May 31, 2020
आरती श्री कुबेर जी की, kuber ji ki aarti,
Durga mata ki aarti
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्परवाली
Durga ma ki aarti
Saturday, May 30, 2020
लक्ष्मी माता की आरती।
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता।।
ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।।
ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता।
ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।।
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता।।
ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता।।
ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।।
ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।।
ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत,
मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।।
Monday, May 25, 2020
గణేష్ జీ కి ఆర్తి in telugu best result on Google search
గణేష్ జీ కి ఆర్తి in telugu
ગણેશ આરતી ગુજરાતી ભાષા માં
ગણેશ જી ની આરતી
Ganesh aarti in Malyalam
മല്യാലത്തെ ഗണേഷ് ജി കി ആരതി
Saturday, May 23, 2020
आरती गंगा मैया की।
Ganga mata ki aarti
गंगा जी को हिंदू धर्म में एक बहुत ही पवित्र स्थान प्राप्त है। इसमें जो भी गंगाजी में स्नान करता है उसके पाप धुल जाते हैं। और गंगा जल की विशेषता है कि इसमें कीड़े नही पड़ते कई सालों तक इसे रखा जा सकता है। भागीरथी जी ने गंगा जी को धरती पर लाने के लिए कई वर्षों तक तपस्या की ।भागीरथी जी को अपने पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए गंगा जी को धरती पर लाना था, लेकिन गंगा जी को धारण करने के लिए शिव जी को मनाना पड़ा।। जब गंगा जी बड़ी ही तीव्र गति से पृथ्वी की ओर चल पड़ी थी तो उनकी वेग को नियंत्रित करने की क्षमता भगवान शिव के अतिरिक्त किसी में नहीं था उन्होंने अपनी जटाओं में गंगा जी को धारण कर लिया। गंगा जी पवित्रता को ही सबसे निर्मल और आदर्श माना जाता है। गंगा में
स्नान करते समय इनकी आरती करने से विशेष लाभ मिलता है।
Sunday, May 10, 2020
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।google best search result about maryada purushottam Sriram, 10 line about Shree Ram
श्री राम जी।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी का भारतीय संस्कृति में अपना अलग ही स्थान है। इनके जीवन से प्रभावित लोग इनका अनुसरण करना चाहते है और इनके कर्म को आत्मसात करना चाहते है। भगवान राम को विष्णु जी का सातवां अवतार माना जाता है।प्रारंभिक जीवन
प्रभु श्री राम जी ने रघुकुल वंश में महाराज दशरथ के यहाँ जन्म लिया था।इनकी माता कौशल्या थी। और इनके 3 भाई लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न थे। इनकी शिक्षा दीक्षा गुरु वशिष्ठ के यहाँ हुई थी।एक बार विश्वमित्र मुनि के आग्रह पर यज्ञ की रक्षा के लिए उनके आश्रम में राम और लक्ष्मण दोनों भ्राता गए। वहाँ उन्होंने खर और दूषण नामक राक्षसो का वध किया।
एक बार आम और लक्ष्मण विश्वामित्र जी के साथ राजा जनक की पुत्री सीता के स्वयम्वर में गए हुए थे जहाँ पर शिव जी की धनुष तोड़ने का लक्ष्य रखा। जिसको तोड़कर
Saturday, May 9, 2020
Shani dev ki aarti
Shani dev ki aarti
Shani dev best image |
अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन,
करें तुम्हारी सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
घोर कष्ट वह पावे।
धन वैभव और मान-कीर्ति,
सब पलभर में मिट जावे।।
राजा नल को लगी शनि दशा,
राजपाट हर लेवा।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा॥
जा पर प्रसन्न होउ तुम स्वामी,
तुम्हारी कृपा रहे तो,
उसको जग में कौन सतावे।।
ताँबा, तेल और तिल से जो,
करें भक्तजन सेवा।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा॥
जय-जय कार जगत में होवे।
कलियुग में शनिदेव महात्तम,
दु:ख दरिद्रता धोवे।।
करू आरती भक्ति भाव से,
भेंट चढ़ाऊं मेवा।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा॥
॥ श्री शनि देव आरती॥
चार भुजा तहि छाजै,गदा हस्त प्यारी ।
जय शनिदेव जी ॥
यम अग्रज देवा ।
कष्ट न सो नर पाते,
करते तब सेवा ॥
जय शनिदेव जी ॥
स्वामी सहा नहीं जावे ।
तुम से विमुख जगत में,
सुख नहीं पावे ॥
जय शनिदेव जी ॥
सब ग्रह सिरताजा ।
बन्शीधर यश गावे,
रखियो प्रभु लाजा ॥
जय शनिदेव जी ॥