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Friday, March 27, 2020

#शिव चालीसा। श्री शिव चालीसा का पथ करने से भगवान शंकर होते है प्रसन्न।

दुःख को दूर करने वाले और कष्टों को हरने वाली भगवान शिव शंकर का इसी कारण दूसरा नाम रुद्र है ।

दिनांक-27/03/2020

शिव चालीसा

दोहा!!
अज अनादि अविगत अलख, अकल अतुल अविकार।
बंदौं शिवपद युग कमल अमल अतीव उदार॥
आर्तिहरण सुखकरण शुभ भक्ति -मुक्ति -दातार।
करौ अनुग्रह दीन लखि अपनो विरद विचार॥
पर्यो पतित भव कूप महँ सहज नरक आगार।
सहज सुहृद पावन-पतित, सहजहि लेहु उबार॥
पलक-पलक आशा भर्यो, रह्यो सुबाट निहार।
ढरौ तुरन्त स्वभाववश, नेक न करौ अबार॥
जय शिव शङ्कर औघढ़दानी।
जय गिरि तनया मातु भवानी॥
सर्वोत्तम योगी योगेश्वर।
सर्वलोक ईश्वर परमेश्वर॥
सब उर प्रेरक सर्वनियन्ता।
उपद्रष्टा भर्ता अनुमन्ता॥
पराशक्ति  पति अखिल विश्वपति।
परब्रह्म परधाम परमगति॥
सर्वातीत अनन्य सर्वगत।
निजस्वरूप महिमामें स्थितरत॥
अंगभूति – भूषित श्मशानचर।
भुजंगभूषण चन्द्रमुकुटधर॥
वृषवाहन नंदीगणनायक।
अखिल विश्व के भाग्य-विधायक॥
व्याघ्रचर्म परिधान मनोहर।
रीछचर्म ओढे गिरिजावर॥
कर त्रिशूल डमरूवर राजत।
अभय वरद मुद्रा शुभ साजत॥
तनु कर्पूर-गौर उज्ज्वलतम।
पिंगल जटाजूट सिर उत्तम॥
भाल त्रिपुण्ड्र मुण्डमालाधर।
गल रुद्राक्ष-माल शोभाकर॥
विधि-हरि-रुद्र त्रिविध वपुधारी।
बने सृजन-पालन-लयकारी॥
तुम हो नित्य दया के सागर।
आशुतोष आनन्द-उजागर॥
अति दयालु भोले भण्डारी।
अग-जग सबके मंगलकारी॥
सती-पार्वती के प्राणेश्वर।
स्कन्द-गणेश-जनक शिव सुखकर॥
हरि-हर एक रूप गुणशीला।
करत स्वामि-सेवक की लीला॥
रहते दोउ पूजत पुजवावत।
पूजा-पद्धति सबन्हि सिखावत॥
मारुति बन हरि-सेवा कीन्ही।
रामेश्वर बन सेवा लीन्ही॥
जग-जित घोर हलाहल पीकर।
बने सदाशिव नीलकंठ वर॥
असुरासुर शुचि वरद शुभंकर।
असुरनिहन्ता प्रभु प्रलयंकर॥
नम: शिवाय मन्त्र जपत मिटत सब क्लेश भयंकर॥
जो नर-नारि रटत शिव-शिव नित।
तिनको शिव अति करत परमहित॥
श्रीकृष्ण तप कीन्हों भारी।
ह्वै प्रसन्न वर दियो पुरारी॥
अर्जुन संग लडे किरात बन।
दियो पाशुपत-अस्त्र मुदित मन॥
भक्तन के सब कष्ट निवारे।
दे निज भक्ति सबन्हि उद्धारे॥
शङ्खचूड जालन्धर मारे।
दैत्य असंख्य प्राण हर तारे॥
अन्धकको गणपति पद दीन्हों।
शुक्र शुक्रपथ बाहर कीन्हों॥
तेहि सजीवनि विद्या दीन्हीं।
बाणासुर गणपति-गति कीन्हीं॥
अष्टमुर्ति पंचानन चिन्मय।
द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग ज्योतिर्मय॥
भुवन चतुर्दश व्यापक रूपा।
अकथ अचिन्त्य असीम अनूपा॥
काशी मरत जंतु अवलोकी।
देत मुक्ति -पद करत अशोकी॥
भक्त भगीरथ की रुचि राखी।
जटा बसी गंगा सुर साखी॥
रुरु अगस्त्य उपमन्यु ज्ञानी।
ऋषि दधीचि आदिक विज्ञानी॥
शिवरहस्य शिवज्ञान प्रचारक।
शिवहिं परम प्रिय लोकोद्धारक॥
इनके शुभ सुमिरनतें शंकर।
देत मुदित ह्वै अति दुर्लभ वर॥
अति उदार करुणावरुणालय।
हरण दैन्य-दारिद्रय-दु:ख-भय॥
तुम्हरो भजन परम हितकारी।
विप्र शूद्र सब ही अधिकारी॥
बालक वृद्ध नारि-नर ध्यावहिं।
ते अलभ्य शिवपद को पावहिं॥
भेदशून्य तुम सबके स्वामी।
सहज सुहृद सेवक अनुगामी॥
जो जन शरण तुम्हारी आवत।
सकल दुरित तत्काल नशावत॥

|| दोहा ||
बहन करौ तुम शीलवश, निज जनकौ सब भार।
गनौ न अघ, अघ-जाति कछु, सब विधि करो सँभार॥
तुम्हरो शील स्वभाव लखि, जो न शरण तव होय।
तेहि सम कुटिल कुबुद्धि जन, नहिं कुभाग्य जन कोय॥
दीन-हीन अति मलिन मति, मैं अघ-ओघ अपार।
कृपा-अनल प्रगटौ तुरत, करो पाप सब छार॥
कृपा सुधा बरसाय पुनि, शीतल करो पवित्र।
राखो पदकमलनि सदा, हे कुपात्र के मित्र॥

।। इति श्री शिव चालीसा समाप्त ।।





  • नीचे लिंक पर क्लिक करे और पढ़ें।

माँ अम्बे जी की आरती

Shiv ji image-pic


Другое имя для этого - причина Господа Шивы Шанкара, который устраняет страдания и побеждает страдания.

Дата -27 / 03/2020





Шива Чалиса

Доха !!

Адж анади авигат алах, акл атул авикар.

Бандун Шивпад эпохи лотоса Амаль Атив Либерал

Artiharan радует благоприятную преданность - освобождение - данные.

Каро Грейс Дин Лахи Апано Вираад Идея॥

Для тебя падшая душа, ну я простой ад.

Самопроизвольно прекрасное упавшее сердцем, спонтанное спасение lehu

Wink, я надеюсь, надеюсь, Ryo Subat Nihar.

Дхароо мгновенно от природы, не будь праведным

Джай Шива Шикар Угдардани.

Джай Гири Таная Мату Бхавани

Лучший йог Йогешвар.

Круг бога бога

Все твои мотивационные шведские.

Разрешение на тюремное заключение

Парашакти Пати Ахил Вишвапати.

Парабрах Пардхам Парамгати 4

Самый эксклюзивный из всех.

Расположенный в славе в результате

Ангабхути - кремация бхишит.

Бхуджангабхушан Чандрамукутадхар॥

Вришвахана Нандиндяк.

Вселенная Фортуна MLA

Вьягармачар Манохар.

Riccharm ОДА Girijavar.

Кар Тришул Думовер Раджат.

Абхай Варад Мудра благоприятный

Тану Карпур-Гаур Ярчайший.

Пингл джутовая голова лучше॥

Бхал Трипундра Мундмаладхар.

Гал Рудракш-Мал Шобхакар॥

Видхи-Хари-Рудра Триведи Вапудхари.

Ритм создания-воспитания бэйна

Вы океан вечной милости.

Ашутош радости подвергается

Очень добрый наивный бхандари.

Все счастливы

Пранешвар Сати-Парвати.

Сканда-Ганеш-Джанак Шива Сухкар

Хари-хар формируется как добродетель.

Каратель лила владельца-слуги॥

Где живет Пуджат Пуджават?

Метод поклонения

Марути стал Хари-севой.

Рамешвар Пан Сева Линхи

Пить Джаг-джит ужасно.

Бэйн Садашив Нилкант Вар

Asurasur Shuchi Varad талисман.

Асураниханта Прабху Пралайанкар॥

Намах: Шиваай Мантра Джапат Митат Подчинение Скорби

Самец и самка крысы, Шива и Шива.

Тинко Шива Атари Карат Парамхит

Шри Кришна тяжело медитировал.

Насколько ты счастлив?

Стать Кират сражался с Арджуном.

Дио пашупать-астра мудит мана

Все проблемы преданного были решены.

Дай свою личную преданность

Шихчуд убил Джаландхара.

Монстр многочисленных существ каждой звезды

Тьма Ганпати

Венера Венера

Техи садживани видья динхи.

Banasura Ganpati-скорость

Аштамурти Панчанан Чинмай.

Двадаш Джйотирлинг Джйотирмая॥

Бхуван Чатурдаш широкой формы.

Акат Ачинтя Асем Анупа॥

Каши Марат животное Авалоки.

Страна эмансипации

Преданный Бхагиратха интересуется Ракхи.

Джата Баси Ганга Сур Сакхи

Руру Агастья Упаманью Гьяни.

Риши Дадхичи Адиколог 4

Шиварасья Шива Гьян Прачарак.

Шивхин высший любимый фольклор

Свои благоприятные пожелания Шанкар.

Дит Мудит очень редкий жених

Очень щедрая Карунаваруналая.

Харран жалко-жалко-печаль-печаль

Бхаджан, твой лучший благотворитель.

Вип Шудра единственный офицер

Старик, мужчина и женщина Дхьявахин.

Те благочестивый Шивпад

Вы хозяин всех шансов.

Спонтанный, ровный, сердечный последователь॥

Люди, которые тебя укрывают

Точность немедленных лекарств॥




, Доха ||

Сестра Кару, ты скромна, вес твоей матери

Ганау на ага, ага-кастовая черепаха, сделай весь метод.

Напишите свою скромность, которая не является убежищем.

Техи сам кривоватый кубуддхи джана, нахи кубхагья джана койе

Дин-младший, очень грязный, я, Ог, огромен.

Открой благодать, сделай грех все время

Пожалуйста, благослови Судху Барсай Пуни, успокойся.

Медальон Рахо всегда, о друг Купатры.

.. Ити Шри Шива Чалиса заключает.



Нажмите на ссылку ниже и прочитайте.

Аарти Маа Амбе джи


Шив джи изображение

https://www.google.com/search?q=shiv+chalisa&oq=shiv+chalisa&aqs=chrome..69i57j46j0j69i60l2.3455j0j7&client=ms-android-motorola&sourceid=chrome-mobile&ie=UTF-8

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माँ अम्बे जी की आरती। # नवरात्रि। माँ #दुर्गा की पूजा।

दुर्गा माँ अर्थात माँ अम्बे की आरती

माँ अम्बे जी की आरती



जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
ओम जय अम्बे गौरी
मांग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्जवल से दो‌उ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
ओम जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गलमाला, कण्ठन पर साजै॥
ओम जय अम्बे गौरी
के हरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
 सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
ओम जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
ओम जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
 धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
ओम जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥
ओम जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
 आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
ओम जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूं। बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥
ओम जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्‍तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
ओम जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी। मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
ओम जय अम्बे गौरी
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती। श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
ओम जय अम्बे गौरी
श्रीअम्बे जी की आरती, जो को‌ई नर गावै। कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
ओम जय अम्बे गौरी, ओम जय अम्बे गौरी

Monday, March 23, 2020

प्रतिदिन 108 बार ॐ नमः शिवाय का जप करें।सही 108 बार शिव पंचाक्षरी मंत्र के बराबर फलदायी होता है।भगवान शिव होते है प्रसन्न।

Shiv ji best image

108 बार  ॐ नमः शिवाय का जप ।

Bhagwan shiv ji ko khush krne ke liye.
ॐ नमः शिवाय 5 अक्षर का यह मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मन्त्र है जिससे भगवान शिव को स्मरण करने व मन को शांत करने में प्रयोग किया जाता है। यह मात्र एक साधारण सा मंत्र जप नही है इससे बहुत से समस्या का समाधान हो जाता है।
shiv ji video

108 बार शिव जी का स्मरण ओम नमः शिवाय के जप के साथ।

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
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लंबी आयु के लिए 108 बार ॐ नमः शिवाय का जप करें। रूद्र पंचाक्षर मन्त्र

भगवान शिव जी को खुश करने के लिए करें यह जप।


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108 बार  ॐ नमः शिवाय का जप ।
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
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Sunday, March 22, 2020

Covid-19

WHO guidelines COVID-19

Who should wear a face to avoid corona.







If you are healthy, you only have to wear touch, if you are caring for someone who has 2019-NOCV infection.

The wearer when coughing or sneezing.



How to find, use, remove, and destroy


Masks are only useful when using alcohol-containing brandswash or with soap and water should be discontinued for frequent hand-cleaning.

If you wear a mask,

 you should wear it correctly then you should know how to use it and destroy it in the right way and right place.





Before applying the mask,

 clean the hands with alcoholic rub or soap and water.

Cover the mouth and nose with the face and make sure there is no gap between your face and face.





Touching time while using; If you do, clean your hands with alcoholic hand rub or soap and water.







As soon as it is moist or idol, modify the Sak with new and do not reuse the faculty once used.





To remove a mask: remove it from the back (do not open the front of the mask); Immediately sacrifice in a closed bin; Clean hands with alcohol baked brand rub or soap and water.

Tuesday, March 17, 2020

Is 3 karno se manayi jati hai ramnavmi ke din.राम नवमी क्यो मनाया जाता है। जाने वो 2 कारण जो सबको नही पता राम नवमी मनाने का।

Ram navmi ,2020, मार्च 2, चैत्र मास , नवमी


राम, विष्णु के सातवें अवतार थे। वह प्राचीन संस्कृत महाकाव्य, रामायण में इनके जीवन का और इनके नैतिक मूल्यों का वर्णन किया गया हैं। इनके   ।

उत्सव से पहले चैत्र महीने के दौरान पुस्तक का एक निरंतर पुनरावृत्ति होता है। रामनवमी पर, मंदिर में कहानी के मुख्य अंश पढ़े जाते हैं। चैत्र माह के नवमी के दिन ही माता कौशल्या की कोख से राम जी ने जन्म लिया था इकाई कारण राम नवमी मनाया जाता है। तुलसीदास ने राम चरित मानस की रचना की शुरुआत इसी दिन की थी।

राम नवमी पर घरों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है और एक मंदिर को राम की छोटी मूर्तियों से सजाया जा सकता है। फूलों और फलों का प्रसाद मंदिर में रखा जाता है और जल्दी स्नान के बाद प्रार्थना की जाती है।

दिन को चिह्नित करने के लिए, हिंदू धर्म के अनुयायी खुद को एक विशिष्ट आहार के लिए उपवास या प्रतिबंधित कर सकते हैं और प्याज, लहसुन, और गेहूं के उत्पादों जैसे कुछ खाद्य पदार्थों को नहीं खाएंगे।

श्री राम से जुड़े प्रमुख स्थानों पर उत्सव, जैसे उत्तर प्रदेश में अयोध्या और चित्रकूट, तमिलनाडु में रामेश्वरम जैसे तीर्थस्थल पर हजारों भक्तों की भीड़ दर्शन करने आते है।

भारत के कुछ हिस्सों में, एक पेड़ के ऊपर पैसों से भरा मिट्टी का बर्तन बांधने की परंपरा है और स्थानीय युवा बर्तन बनाने और दावा करने के लिए टीम बनाते हैं।
 भक्तों के घरों या धार्मिक स्थलों पर  भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाता है जो भगवान राम को समर्पित होते हैं। लोग आमतौर पर इस दिन आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में जाते हैं।एक पालने पर रखी गई राम की छोटी मूर्तियों के साथ जुलूस निकाले जाते हैं।अयोध्या में सरयू नदी में स्नान किया जाता है।
अधिकांश मंदिर  "हवन और यज्ञ" का आयोजन करते हैं, जिसका उद्देश्य मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करना है। पुजारी "प्रसाद" के रूप में भक्तों को मिठाई और फल वितरित करते हैं। आम तौर पर, भक्त मध्यरात्रि तक पूरे दिन उपवास रखते हैं। व्रत आमतौर पर मिठाई और फलों का सेवन किया जाता है।

रामलीला — भगवान राम का एक नाट्य चित्रण जो रावण को हराता है, देश के कई हिस्सों में किया जाता है। नाटक आमतौर पर एक ओपन-एयर स्टेज पर किया जाता है।

हालांकि यह त्यौहार देश भर में मनाया जाता है, लेकिन प्रमुख उत्सव अयोध्या, भद्राचलम, रामेश्वरम और सीतामढ़ी में होते हैं। भगवान राम के अलावा, सीता, लक्ष्मण, और हनुमान के देवताओं की भी इस दिन पूजा की जाती है।


રામ નવમી, 2020, 2 માર્ચ, ચૈત્ર મહિનો, નવમી
રામ વિષ્ણુના સાતમા અવતાર હતા. તેમના જીવન અને તેના નૈતિક મૂલ્યોનું વર્ણન પ્રાચીન સંસ્કૃત મહાકાવ્ય, રામાયણમાં આપવામાં આવ્યું છે.
ઉજવણી પૂર્વે ચૈત્ર મહિના દરમિયાન પુસ્તકનું સતત પુનરાવર્તન થાય છે. રામનવમી પર, મંદિરમાં કથાના ભાગો વાંચવામાં આવે છે. રામ કૌશલનો જન્મ માતા કૌશલ્યાના ગર્ભાશયથી ચૈત્ર મહિનાના નવમીના દિવસે થયો હતો કારણ કે એકમના કારણે રામ નવમી ઉજવવામાં આવે છે. તુલસીદાસે આ દિવસે રામ ચરિત માનસની રચના શરૂ કરી હતી.
રામ નવમી પર ઘરો સારી રીતે સાફ થાય છે અને મંદિરમાં રામની નાની મૂર્તિઓથી સજ્જ કરી શકાય છે. મંદિરમાં ફૂલો અને ફળોનો પ્રસાદ રાખવામાં આવે છે અને વહેલા સ્નાન કર્યા પછી પ્રાર્થના કરવામાં આવે છે.
આ દિવસ નિમિત્તે, હિન્દુ ધર્મના અનુયાયીઓ પોતાને કોઈ વિશિષ્ટ આહાર સુધી ઉપવાસ અથવા પ્રતિબંધિત કરી શકે છે અને ડુંગળી, લસણ અને ઘઉંના ઉત્પાદનો જેવા ચોક્કસ ખોરાક ખાશે નહીં.
ઉત્તર પ્રદેશના અયોધ્યા અને ચિત્રકૂટ, તમિળનાડુમાં રામેશ્વરમ જેવા શ્રી રામ સાથે સંકળાયેલા અગ્રણી સ્થળોએ હજારો ભક્તો મંદિરોની મુલાકાત લે છે.
ભારતના કેટલાક ભાગોમાં, માટીના પોટલાને પૈસાથી ભરેલા ઝાડ અને સ્થાનિક યુવકની ટીમને પોટ બનાવવાની અને દાવાની દાવેદારી રાખવાની પરંપરા છે.
 ભગવાન રામને સમર્પિત ભક્તોના ઘરો અથવા ધાર્મિક સ્થળોએ ભજન અને કીર્તનનું આયોજન કરવામાં આવે છે. આ દિવસે લોકો સામાન્ય રીતે આશીર્વાદ લેવા મંદિરોમાં જાય છે. પારણામાં રામની નાની મૂર્તિઓ સાથે શોભાયાત્રા કા .વામાં આવે છે અયોધ્યામાં સરિયુ નદીમાં સ્નાન કરે છે.
મોટાભાગના મંદિરો "હવન અને યજ્" "કરે છે, જે મન, શરીર અને આત્માને શુદ્ધ કરવાના હેતુથી છે. યાજકો ભક્તોને મીઠાઇ અને ફળોનું વિતરણ "તકોમાંનુ" સ્વરૂપમાં કરે છે. સામાન્ય રીતે, ભક્તો મધ્યરાત્રિ સુધી દિવસ દરમિયાન ઉપવાસ રાખે છે. વ્રત સામાન્ય રીતે મીઠાઇ અને ફળો સાથે પીવામાં આવે છે.
રામલીલા - રાવણને પરાજિત કરનારા ભગવાન રામનું થિયેટરિક ચિત્રણ દેશના ઘણા ભાગોમાં કરવામાં આવે છે. આ નાટક સામાન્ય રીતે ઓપન-એર સ્ટેજ પર કરવામાં આવે છે.
આ તહેવાર દેશભરમાં ઉજવાતો હોવા છતાં, મુખ્ય તહેવારો અયોધ્યા, ભદ્રચલમ, રામેશ્વરમ અને સીતામર્હિમાં થાય છે. ભગવાન રામ ઉપરાંત સીતા, લક્ષ્મણ અને હનુમાનના દેવોની પણ આ દિવસે પૂજા કરવામાં આવે છે.

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Shiv chalisa

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Shiv Shankar pic

माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा।

नवदुर्गा के 9 रूप को संस्कृत श्लोक में ऐसे बताया गया हैं।


प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीतिचाष्टमम्।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।।

दुर्गा माँ के 9 रूप है जिनके नाम नीचे दिए गए है। नवरात्रि के समय 9 दिन अलग अलग रूप की उपासना की जाती है। 

  1. शैलपुत्री
  2. ब्रह्मचारिणी
  3. चन्द्रघण्टा
  4. कूष्माण्डा
  5. स्कन्दमाता
  6. कात्यायनी
  7. कालरात्री
  8. महागौरी
  9. सिद्धिदात्री

Sunday, March 15, 2020

9 देवीयों के बीज मन्त्र। और सभी प्रकार के परेशानी के लिए अलग मन्त्र। kast ke nivaran , shadi ke liye, bimari ke liye, 9 durga ko prasann krne ka mantra.

माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए अद्भुत मंत्र।

संकट से बचने के लिए।


शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते ॥

बिमारी से बचाव 

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥
पुत्ररत्न की  प्राप्ति हेतु  :
देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ॥
बड़े से बड़े बिमारी के समाधान हेतु :
जयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते ॥


शक्ति और बल प्राप्ति के लिए।

सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।
गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमोस्तुते ॥

मनचाहे जीवनसाथी पुरुषों के लिए

ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि ।
नन्द गोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः ॥

महिलाओं के लिए मनचाहे जीवनसाथी हेतु ::

पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ।।

माँ दुर्गा के  9 देवियों के बीज मंत्रों के जप से 9 देवियाँ स्वतः ही प्रसन्न होकर कृपा करने लगती हैं ।