जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी। (माता की #आरती)
जय मां दुर्गा , माता जी का त्योहार आज से शुरू हो रहा है। अम्बे मां की आरती करें और अपने कष्टों से मुक्ति पाएं। नवरात्रि के समय मां अम्बे की पूजा अर्चना करने का अलग ही वातावरण होता है। भक्त जन पूरे ९ दिन मां दुर्गा की आरती सुबह शाम करते है।और मां अम्बे भी अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है। मां दुर्गा की कृपा हम भक्तों पर बनी रहे बस यही हमारी मनोकामना है जिसके ऊपर माता की कृपा रहती है उसके ऊपर कोई कष्ट आने से पहले ही टल जाता है। लाख बाधाएं होते हुए भी उसके कार्य आसानी से संपूर्ण हो जाते हैं।
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।। जय अम्बे गौरी,…
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥
जय मां अम्बे।