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Saturday, August 22, 2020

गणेश चतुर्थी Ganesh chaturthi

2 Karan Ganesh chturthi kyo manaya jata hai?


कहा जाता है कि महाभारत को महेश वेद व्यास द्वारा पूछने के बाद गणेश ने लिखा था।

क्योंकि वह बहुत तेजी से लिख सकता है। लेकिन गणेश जी ने एक शर्त रखी थी कि वे लिखेंगे लेकिन बिना किसी रुकावट के , अगर वेद व्यास पाठ बंद कर देंगे, तो वह लिखना बंद कर देंगे। इसी बात पर वेद व्यास जी ने भी एक शर्त रखा की बिना समझे वो नही लिखेंगें, वेद व्यास के द्वारा बोले गए पद्य थोड़े कठिन होते जिसको समझने में गणेश जी को समय लग जाता था इसी बीच मे महर्षि व्यास आराम कर लेते थे। उस समय गर्मी और घर्षण के कारण कलम टूट गई थी तब गणेश जी ने अपना एक दांत तोड़ दिया और शेष महाभारत लिख दिया।
इसके बाद मिट्टी की मूर्ति विसर्जित की जाती है और इसके बाद गणेशजी कैलाश पर्वत पर पार्वती और शिव के पास लौट आए

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Saturday, August 15, 2020

3 सरस्वती वंदना (विद्यालय में की जाने वाली वंदना)

Ma saraswati

सरस्वती वंदना (Saraswati vandana in sanskrit )

माँ सरस्वती विद्या की देवी है और उनकी प्रार्थना के साथ ही प्रत्येक विद्यालय में शिक्षण का प्रारंभ करते है। प्रार्थना के साथ दिन का शुरुआत करने से मन मे शान्ति बनी रहती है और अध्ययन में मन लगता है।



या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥

शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकाम् विदधतीम् पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे ताम् परमेश्वरीम् भगवतीम् बुद्धिप्रदाम् शारदाम्॥2॥
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु,  गुरुर्देवो  महेश्वरः ,
गुरु साक्षात्  परब्रह्म  तस्मै  श्री  गुरवे  नमः !


Saraswati Vandana in hindi

हे हंसवाहिनी, ज्ञान  दायिनी, अम्ब  विमल मति  दे  अम्ब  …………….
जग सिरमौर  बनाये  भारत, वोह  बल  विक्रम  दे . वोह  बल …….
साहस, शील  हृदय  में  भर  दे , जीवन  त्याग  तपोमय  कर  दे,
सहनशक्ति  स्नेह  का  भर  दे, स्वाभिमान  भर  दे, स्वाभिमान  भर  दे .……..
हे  हंसवाहिनी , ज्ञान  दायिनी , अम्ब  विमल  मति  दे  अम्ब ………….
लव, कुश, ध्रुव, प्रह्लाद  बने  हम, मानवता  का  त्रास  हरें  हम,……..
सीता, सावित्री, दुर्गा  मान  फिर  घर -घर  भर  दे, फिर  घर……..
हे  हंस  वाहिनी, ज्ञान  दायिनी, अम्ब विमल मति दे, अम्ब ……

वह शक्ति हमें दो दयानिधे

(विद्यालय सरस्वती प्रार्थना )

 वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।
पर-सेवा पर-उपकार में हम,
जग-जीवन सफल बना जावें॥
॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे..
             कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।।

हम दीन-दुखियों, निबलों-विकलों के,
सेवक बन संताप हरें।
जो हैं अटके, भूले-भटके,
उनको तारें खुद तर जावें॥
॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥

छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ,
अन्याय से निशिदिन दूर रहें।
जीवन हो शुद्ध सरल अपना,
शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावें॥
॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥

निज आन-बान, मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।
जिस देश-जाति में जन्म लिया,
बलिदान उसी पर हो जावें॥
॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...

सरस्वती आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सद्गुण, वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता ।।

जय.सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।।


चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी।
सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।। जय.।।

बायें कर में वीणा, दूजे कर माला।
शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माला ।।जय..।।

देव शरण में आये, उनका उद्धार किया।
पैठि मंथरा दासी, असुर-संहार किया।।जय..।।

वेद-ज्ञान-प्रदायिनी, बुद्धि-प्रकाश करो।।
मोहज्ञान तिमिर का सत्वर नाश करो।।जय..।।

धूप-दीप-फल-मेवा-पूजा स्वीकार करो।
ज्ञान-चक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो।।जय..।।

माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी, सुखकारी ज्ञान-भक्ति पावे।।जय..।।

भोजन मन्त्र

ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।।

ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा विद्‌विषावहै॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

Monday, August 3, 2020

Bhagawan shiv ke 108 nam( भगवान शिव के 108 नाम)

         

Bhagwan shiv ke 108 nam

(भगवान शिव के 108 नाम)

 
  • १- ॐ भोलेनाथ नमः
  • २-ॐ कैलाशपति नमः
  • ३-ॐ नंदराज नमः
  • ४-ॐ भूतनाथ नमः
  • ५-ॐ नन्दी की सवारी नमः
  • ६-ॐ महाकाल नमः
  • ७-ॐ ज्योतिलिंग नमः
  • ८-ॐ रुद्रनाथ नमः
  • ९-ॐ भीमशंकर नमः
  • १०-ॐ नटराज नमः
  • ११-ॐ प्रलयन्कार नमः
  • १२-ॐ चंद्रमोली नमः
  • १३-ॐ डमरूधारी नमः
  • १४-ॐ मल्लीकार्जुन नमः
  • १५-ॐ चंद्रधारी नमः 
  • १६-ॐ भीमेश्वर नमः
  • १७-ॐ विषधारी नमः
  • १८-ॐ बम भोले नमः
  • १९-ॐ ओंकार स्वामी नमः
  • २०-ॐ ओंकारेश्वर नमः
  • २१-ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
  • २२-ॐ विश्वनाथ नमः
  • २३-ॐ अनादिदेव नमः
  • २४-ॐ उमापति नमः
  • २५-ॐ गोरापति नमः
  • २६-ॐ गणपिता नमः
  • २७-ॐ भोले बाबा नमः
  • २८-ॐ शिवजी नमः
  • २९-ॐ शम्भु नमः
  • ३०-ॐ नीलकंठ नमः
  • ३१-ॐ महाकालेश्वर नमः
  • ३२-ॐ त्रिपुरारी नमः
  • ३३-ॐ त्रिलोकनाथ नमः
  • ३४-ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
  • ३५-ॐ बर्फानी बाबा नमः
  • ३६-ॐ जगतपिता नमः
  • ३७-ॐ मृत्युन्जन नमः
  • ३८-ॐ नागधारी नमः
  • ३९- ॐ रामेश्वर नमः
  • ४०-ॐ लंकेश्वर नमः
  • ४१-ॐ अमरनाथ नमः
  • ४२-ॐ केदारनाथ नमः
  • ४३-ॐ मंगलेश्वर नमः
  • ४४-ॐ अर्धनारीश्वर नमः
  • ४५-ॐ नागार्जुन नमः
  • ४६-ॐ जटाधारी नमः
  • ४७-ॐ नीलेश्वर नमः
  • ४८-ॐ गलसर्पमाला नमः
  • ४९- ॐ दीनानाथ नमः
  • ५१-ॐ जोगी नमः
  • ५२-ॐ भंडारी बाबा नमः
  • ५३-ॐ बमलेहरी नमः
  • ५४-ॐ गोरीशंकर नमः
  • ५५-ॐ शिवाकांत नमः
  • ५६-ॐ महेश्वराए नमः
  • ५७-ॐ महेश नमः
  • ५८-ॐ आलोकानाथ नमः
  • ५४-ॐ आदिनाथ नमः
  • ६०-ॐ देवदेवेश्वर नमः
  • ६१-ॐ प्राणनाथ नमः
  • ६२-ॐ शिवम् नमः
  • ६३-ॐ महादानी नमः
  • ६४-ॐ शिवदानी नमः
  • ६५-ॐ संकटहारी नमः
  • ६६-ॐ महेश्वर नमः
  • ६७-ॐ रुंडमालाधारी नमः
  • ६८-ॐ जगपालनकर्ता नमः
  • ६९-ॐ पशुपति नमः
  • ७०-ॐ संगमेश्वर नमः
  • ७१-ॐ दक्षेश्वर नमः
  • ७२-ॐ घ्रेनश्वर नमः
  • ७३-ॐ मणिमहेश नमः
  • ७४-ॐ अनादी नमः
  • ७५-ॐ अमर नमः
  • ७६-ॐ आशुतोष महाराज नमः
  • ७७-ॐ विलवकेश्वर नमः
  • ७८-ॐ अचलेश्वर नमः
  • ७९-ॐ अभयंकर नमः
  • ८०-ॐ पातालेश्वर नमः
  • ८१-ॐ धूधेश्वर नमः
  • ८२-ॐ सर्पधारी नमः
  • ८३-ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
  • ८४-ॐ हठ योगी नमः
  • ८५-ॐ विश्लेश्वर नमः
  • ८६- ॐ नागाधिराज नमः
  • ८७- ॐ सर्वेश्वर नमः
  • ८८-ॐ उमाकांत नमः
  • ८९-ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
  • ९०-ॐ त्रिकालदर्शी नमः
  • ९१-ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
  • ९२-ॐ महादेव नमः
  • ९३-ॐ गढ़शंकर नमः
  • ९४-ॐ मुक्तेश्वर नमः
  • ९५-ॐ नटेषर नमः
  • ९६-ॐ गिरजापति नमः
  • ९७- ॐ भद्रेश्वर नमः
  • ९८-ॐ त्रिपुनाशक नमः
  • ९९-ॐ निर्जेश्वर नमः
  • १०० -ॐ किरातेश्वर नमः
  • १०१-ॐ जागेश्वर नमः
  • १०२-ॐ अबधूतपति नमः
  • १०३ -ॐ भीलपति नमः
  • १०४-ॐ जितनाथ नमः
  • १०५-ॐ वृषेश्वर नमः
  • १०६-ॐ भूतेश्वर नमः
  • १०७-ॐ बैजूनाथ नमः
  • १०८-ॐ नागेश्वर नमः
  • भगवान शिव के 108 नाम, bhagawan shiv ke 108 nam.

     
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