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Sunday, October 4, 2020

भगवान शिव के 6 मंत्र जो आपकी सभी समस्याओं को हल करने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली हैं ।

 भगवान शिव के 6 मंत्र जो आपकी सभी समस्याओं को हल करने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली हैं



 

हिंदू धर्म में, भगवान शिव को विनाश के देवता के रूप में जाना जाता है। उसे दया का प्रतीक भी कहा जाता है। चूंकि दुनिया भर के लोग उसे प्रसन्न करने के लिए प्रभु से प्रार्थना करने के विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं, और वह बहुत आसानी से प्रसन्न हो जाता है। शिव पूजा में शिव मंत्रों का जाप शामिल है। इन मंत्रों को डर पर जीत और किसी की लड़ाई लड़ने और अपराजित होने के लिए जप किया जाता है। ये मंत्र हमें बीमारियों, भय आदि से बचाते हैं। इन मंत्रों के उचित और नियमित जाप से व्यक्ति को सफलता और सिद्धियां प्राप्त होती हैं। ये मंत्र लोगों को किसी भी लड़ाई से लड़ने के लिए आंतरिक आत्मा से मजबूत बनाते हैं। वे किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से शरीर को शुद्ध करने में मदद करते हैं और सभी को अधिक शक्तिशाली और मजबूत बनाते हैं। इनमें से कई मंत्र विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित हैं और यदि आप इसका जप करते हैं या यहां तक ​​कि उनका पाठ करते हैं, तो आप विशेष रूप से ऊर्जावान महसूस करेंगे और साथ ही अन्य लाभों को भी देखेंगे।

निम्नलिखित छह 6 भगवान शिव मंत्र हैं जो अत्यंत शक्तिशाली और शुद्ध हैं, ऊर्जा से भरपूर हैं, यह आपको जीवन में आपकी सभी समस्याओं को समाप्त करने की शक्ति और आत्मविश्वास देगा


 


  • रुद्र मंत्र -  ओम नमो भगवते रुद्राय ’

यह मंत्र यह सुनिश्चित करेगा कि भगवान शिव के आशीर्वाद के साथ आपकी सभी इच्छाएं पूरी हों।
 शिव गायत्री मंत्र - 'ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात् ’
यह हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्र का एक रूप है, गायत्री मंत्र। शिव गायत्री मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है, यह आपको मानसिक शांति प्रदान करता है और भगवान शिव को प्रसन्न करता है।


  •  पंचाक्षरी शिव मंत्र - ओम नमः शिवाय ’

सबसे प्रसिद्ध और मूल शिव मंत्र जो केवल to मैं भगवान शिव को नमन करता हूं ’का अनुवाद करता है। यह भगवान शिव को समर्पित है और यदि हर दिन 108 बार जप किया जाए, तो यह मंत्र आपके शरीर को शुद्ध करने में मदद करेगा और भगवान शिव आप पर अपनी कृपा बरसाएंगे।



  • महा मृत्युंजय मंत्र - ओम त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिं पुष्पं वर्धनम् I उर्वारुकमिव बन्धनाथ मृतेर्मुक्षस्य ममृततः द्वितीय


यह अत्यंत शक्तिशाली मंत्र हमें मृत्यु के भय से बचने में मदद करता है। भगवान शिव को मृत्यु और विनाश के भगवान के रूप में जाना जाता है, इसलिए केवल वे ही हमें मृत्यु से बचा सकते हैं। जीवन और मृत्यु के बीच झूलने वाले लोगों के परिवार के सदस्य अक्सर प्रभावितों को जल्द स्वस्थ होने के लिए इस विशेष मंत्र का पाठ करते हैं।

  • शिव ध्यान मन्त्र - करचरणकमृतं वा कायाजं कर्मजं वा श्रवणयानंजं वै मंसं वै पराधाम I विहितां विहितम् वै सर्व सर्व मेत क्षेमस्व जय जय करुणाभिदे श्री महादेव शम्भो द्वितीय ’


यह एक बहुत शक्तिशाली मंत्र है जो आपको भगवान शिव से किसी भी पाप के लिए क्षमा मांगने में मदद करता है जो आपने अपने जीवन के दौरान किया होगा।

  • एकादश रुद्र मंत्र

एकादश रुद्र मंत्र ग्यारह विभिन्न मंत्रों का एक संग्रह है। महाशिवरात्रि या महारुद्र यज्ञ के दौरान, यदि कोई पाठ किया जाए तो सभी ग्यारह मंत्र लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये ग्यारह मंत्र हर एक महीने में मेल खाते हैं और कहा जाता है कि यदि आप अपने महीने के लिए निर्दिष्ट पाठ को पढ़ते हैं, तो यह सबसे अधिक लाभकारी होता है, लेकिन सभी ग्यारह का पाठ करने से कोई नुकसान भी नहीं होता है।


  1. • कपाली - H ओम हुमहुम शत्रुसत्यसम्भवनाय हुम हुम ओम फट् ’
  2. • पिंगला - ओम श्रीं ह्रीं श्रीं सर्व मंगलाय पिंगलाय ओम नमः ’
  3. • भीम - A ओम ऐम ऐम मनो चिता सिद्धाया ऐम ऐम ओम ’
  4. • विरुपक्ष -  ओम रुद्राय रोगनशाय आगच्छ च राम ओम नमः ’
  5. • विलोहिता -  ओम श्रीं ह्रीं सम सम श्रीं श्रीमं शंकरशानाय ओम ’
  6. • षष्ट - ओम ह्रीं ह्रीं सफलायायै सिद्धाय ओम नमः ’
  7. • अजपद - ओम श्री बम सौघ बलवर्धनाय बालेश्वराय रुद्राय फट् ओम ’
  8. • अहिरभुदन्य - H ओम ह्रीं ह्रीं समस्त ग्रह दोशं विनाशाय ओम ’
  9. शंभू, -  ओम गम हुलुम श्रुम ग्लौम गाम ओम नमः ’
  10. • चंड -  ओम चुम चंडिश्वराय तेजस्याय चुम ओम फट् ’
  11. • भव -  ओम भावोद भव समभाव ईश्वर दर्शन ओम सम ओम नमः ’

Saturday, July 25, 2020

शिवजी की आरती best result of shiv ji aarati in sawan mahina

shiv aarti lyrics in hindi :शिवजी की आरती


ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा..
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा..
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा..
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा..

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा..
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा..
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा..
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा..
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा..
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा..


शिव आरती का समय

शिव आरती प्रातः काल सूर्योदय के समय या सायं काल करना चाहिए। सदैव स्नान के बाद ही शिव आरती करना चाहिए।

शिव आरती के लाभ, shiv aarti ke fayde


शिव आरती करने का अर्थ त्रिकालदर्शी महाकाल भगवान को प्रसन्न करना है। सारे दुःखो से बेड़ापार कराने वाले भगवान शिव यदि प्रसन्न है तो फिर बड़ा से बड़ा दुःख और काल आपका कुछ नही बिगाड़ सकता।


Tuesday, June 9, 2020

Shiv gaytri mantra. Top result on Google बहुत ही शक्तिशाली मन्त्र Shiv gaytri mantra, ऐसा आसान मन्त्र जिससे सभी कष्टों का साधा जा सकता है।

 शिव गायत्री मंत्र (Shiv Gaytri Mantra) 

कालसर्प और पितृदोष से मुक्त होने के लिए गायत्री शिव मन्त्र का जप प्रति सोमवार को करना चाहिए। यदि सोमवार को व्रत रखते हुए इसका पाठ करते है तो यह अधिक लाभप्रद होता है।

        शिव गायत्री मन्त्र का लाभ

भगवान शिव का शनि और राहु केतु पर नियंत्रण है अतः कालसर्प दोष, पित्र दोष, राहू केतु की दृष्टि से बचने के लिए भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहिए।

        कैसे करे शिव गायत्री मंत्र का जाप

भगवान शिव की पूजा की थाली में हल्दी, चंदन, कर्पूर, बेलपत्र, धतूरा व शिव जी को स्नान करने हेतु गाय का दूध प्रयोग करना चाहिए। गायत्री जी काली माता का रूप है शिव जी का इनके साथ प्रार्थना करने के लिए शिव गायत्री मन्त्र सबसे लाभकारी मन्त्र है।मन की शांति और एकाग्रता के लिए भी सही गायत्री मंत्र लाभदायक है।


ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।

ॐ Om tatpuruShay vidmahe mahaadevaaya dhimahi tanno rudra prachodayaat।
इस मंत्र का उच्चारण प्रतिदिन प्रातः 5 बार ही करने से बड़े से बड़े सकंट का निवारण हो सकता है। 

শিব গায়ত্রী মন্ত্র Shiv Gayatri Mantra in Bengali

ওম ততপুরুশয় বিদমেহে মহাদেবায় ধীমহি তন্নো রুদ্রঃ প্রচোদায়াত

Shiv gaytri mantra in gujrati

 ઓમ તત્પુરુષાય વિદ્મહે મહાદેવાય ધીમહિ તન્નો રુદ્ર: પ્રચોદયાત્।

Meaning of shiv gaytri mantra in Tamil.

ஓம் தத்புருஷய் வித்மஹே மகாதேவய திமாஹி தன்னோ ருத்ரா: பிரச்சோதயத்।

Shiv gaytri mantra in telugu.

ఓం తత్పురుషయ్ విద్మహే మహాదేవయ ధీమహి తన్నో రుద్ర: ప్రచయోదయత్

Shiv Gayatri mantra in Kannada.

ಓಂ ತತ್ಪುರುಶಯ್ ವಿಡ್ಮಹೇ ಮಹದೇವಯ ಧೀಮಾಹಿ ತನ್ನೋ ರುದ್ರ: ಪ್ರಚೋದಯತ್

Monday, April 6, 2020

Shiv ji image-pic

Bhagwan shiv unique whatsapp status pic 2020.

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Friday, March 27, 2020

#शिव चालीसा। श्री शिव चालीसा का पथ करने से भगवान शंकर होते है प्रसन्न।

दुःख को दूर करने वाले और कष्टों को हरने वाली भगवान शिव शंकर का इसी कारण दूसरा नाम रुद्र है ।

दिनांक-27/03/2020

शिव चालीसा

दोहा!!
अज अनादि अविगत अलख, अकल अतुल अविकार।
बंदौं शिवपद युग कमल अमल अतीव उदार॥
आर्तिहरण सुखकरण शुभ भक्ति -मुक्ति -दातार।
करौ अनुग्रह दीन लखि अपनो विरद विचार॥
पर्यो पतित भव कूप महँ सहज नरक आगार।
सहज सुहृद पावन-पतित, सहजहि लेहु उबार॥
पलक-पलक आशा भर्यो, रह्यो सुबाट निहार।
ढरौ तुरन्त स्वभाववश, नेक न करौ अबार॥
जय शिव शङ्कर औघढ़दानी।
जय गिरि तनया मातु भवानी॥
सर्वोत्तम योगी योगेश्वर।
सर्वलोक ईश्वर परमेश्वर॥
सब उर प्रेरक सर्वनियन्ता।
उपद्रष्टा भर्ता अनुमन्ता॥
पराशक्ति  पति अखिल विश्वपति।
परब्रह्म परधाम परमगति॥
सर्वातीत अनन्य सर्वगत।
निजस्वरूप महिमामें स्थितरत॥
अंगभूति – भूषित श्मशानचर।
भुजंगभूषण चन्द्रमुकुटधर॥
वृषवाहन नंदीगणनायक।
अखिल विश्व के भाग्य-विधायक॥
व्याघ्रचर्म परिधान मनोहर।
रीछचर्म ओढे गिरिजावर॥
कर त्रिशूल डमरूवर राजत।
अभय वरद मुद्रा शुभ साजत॥
तनु कर्पूर-गौर उज्ज्वलतम।
पिंगल जटाजूट सिर उत्तम॥
भाल त्रिपुण्ड्र मुण्डमालाधर।
गल रुद्राक्ष-माल शोभाकर॥
विधि-हरि-रुद्र त्रिविध वपुधारी।
बने सृजन-पालन-लयकारी॥
तुम हो नित्य दया के सागर।
आशुतोष आनन्द-उजागर॥
अति दयालु भोले भण्डारी।
अग-जग सबके मंगलकारी॥
सती-पार्वती के प्राणेश्वर।
स्कन्द-गणेश-जनक शिव सुखकर॥
हरि-हर एक रूप गुणशीला।
करत स्वामि-सेवक की लीला॥
रहते दोउ पूजत पुजवावत।
पूजा-पद्धति सबन्हि सिखावत॥
मारुति बन हरि-सेवा कीन्ही।
रामेश्वर बन सेवा लीन्ही॥
जग-जित घोर हलाहल पीकर।
बने सदाशिव नीलकंठ वर॥
असुरासुर शुचि वरद शुभंकर।
असुरनिहन्ता प्रभु प्रलयंकर॥
नम: शिवाय मन्त्र जपत मिटत सब क्लेश भयंकर॥
जो नर-नारि रटत शिव-शिव नित।
तिनको शिव अति करत परमहित॥
श्रीकृष्ण तप कीन्हों भारी।
ह्वै प्रसन्न वर दियो पुरारी॥
अर्जुन संग लडे किरात बन।
दियो पाशुपत-अस्त्र मुदित मन॥
भक्तन के सब कष्ट निवारे।
दे निज भक्ति सबन्हि उद्धारे॥
शङ्खचूड जालन्धर मारे।
दैत्य असंख्य प्राण हर तारे॥
अन्धकको गणपति पद दीन्हों।
शुक्र शुक्रपथ बाहर कीन्हों॥
तेहि सजीवनि विद्या दीन्हीं।
बाणासुर गणपति-गति कीन्हीं॥
अष्टमुर्ति पंचानन चिन्मय।
द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग ज्योतिर्मय॥
भुवन चतुर्दश व्यापक रूपा।
अकथ अचिन्त्य असीम अनूपा॥
काशी मरत जंतु अवलोकी।
देत मुक्ति -पद करत अशोकी॥
भक्त भगीरथ की रुचि राखी।
जटा बसी गंगा सुर साखी॥
रुरु अगस्त्य उपमन्यु ज्ञानी।
ऋषि दधीचि आदिक विज्ञानी॥
शिवरहस्य शिवज्ञान प्रचारक।
शिवहिं परम प्रिय लोकोद्धारक॥
इनके शुभ सुमिरनतें शंकर।
देत मुदित ह्वै अति दुर्लभ वर॥
अति उदार करुणावरुणालय।
हरण दैन्य-दारिद्रय-दु:ख-भय॥
तुम्हरो भजन परम हितकारी।
विप्र शूद्र सब ही अधिकारी॥
बालक वृद्ध नारि-नर ध्यावहिं।
ते अलभ्य शिवपद को पावहिं॥
भेदशून्य तुम सबके स्वामी।
सहज सुहृद सेवक अनुगामी॥
जो जन शरण तुम्हारी आवत।
सकल दुरित तत्काल नशावत॥

|| दोहा ||
बहन करौ तुम शीलवश, निज जनकौ सब भार।
गनौ न अघ, अघ-जाति कछु, सब विधि करो सँभार॥
तुम्हरो शील स्वभाव लखि, जो न शरण तव होय।
तेहि सम कुटिल कुबुद्धि जन, नहिं कुभाग्य जन कोय॥
दीन-हीन अति मलिन मति, मैं अघ-ओघ अपार।
कृपा-अनल प्रगटौ तुरत, करो पाप सब छार॥
कृपा सुधा बरसाय पुनि, शीतल करो पवित्र।
राखो पदकमलनि सदा, हे कुपात्र के मित्र॥

।। इति श्री शिव चालीसा समाप्त ।।





  • नीचे लिंक पर क्लिक करे और पढ़ें।

माँ अम्बे जी की आरती

Shiv ji image-pic


Другое имя для этого - причина Господа Шивы Шанкара, который устраняет страдания и побеждает страдания.

Дата -27 / 03/2020





Шива Чалиса

Доха !!

Адж анади авигат алах, акл атул авикар.

Бандун Шивпад эпохи лотоса Амаль Атив Либерал

Artiharan радует благоприятную преданность - освобождение - данные.

Каро Грейс Дин Лахи Апано Вираад Идея॥

Для тебя падшая душа, ну я простой ад.

Самопроизвольно прекрасное упавшее сердцем, спонтанное спасение lehu

Wink, я надеюсь, надеюсь, Ryo Subat Nihar.

Дхароо мгновенно от природы, не будь праведным

Джай Шива Шикар Угдардани.

Джай Гири Таная Мату Бхавани

Лучший йог Йогешвар.

Круг бога бога

Все твои мотивационные шведские.

Разрешение на тюремное заключение

Парашакти Пати Ахил Вишвапати.

Парабрах Пардхам Парамгати 4

Самый эксклюзивный из всех.

Расположенный в славе в результате

Ангабхути - кремация бхишит.

Бхуджангабхушан Чандрамукутадхар॥

Вришвахана Нандиндяк.

Вселенная Фортуна MLA

Вьягармачар Манохар.

Riccharm ОДА Girijavar.

Кар Тришул Думовер Раджат.

Абхай Варад Мудра благоприятный

Тану Карпур-Гаур Ярчайший.

Пингл джутовая голова лучше॥

Бхал Трипундра Мундмаладхар.

Гал Рудракш-Мал Шобхакар॥

Видхи-Хари-Рудра Триведи Вапудхари.

Ритм создания-воспитания бэйна

Вы океан вечной милости.

Ашутош радости подвергается

Очень добрый наивный бхандари.

Все счастливы

Пранешвар Сати-Парвати.

Сканда-Ганеш-Джанак Шива Сухкар

Хари-хар формируется как добродетель.

Каратель лила владельца-слуги॥

Где живет Пуджат Пуджават?

Метод поклонения

Марути стал Хари-севой.

Рамешвар Пан Сева Линхи

Пить Джаг-джит ужасно.

Бэйн Садашив Нилкант Вар

Asurasur Shuchi Varad талисман.

Асураниханта Прабху Пралайанкар॥

Намах: Шиваай Мантра Джапат Митат Подчинение Скорби

Самец и самка крысы, Шива и Шива.

Тинко Шива Атари Карат Парамхит

Шри Кришна тяжело медитировал.

Насколько ты счастлив?

Стать Кират сражался с Арджуном.

Дио пашупать-астра мудит мана

Все проблемы преданного были решены.

Дай свою личную преданность

Шихчуд убил Джаландхара.

Монстр многочисленных существ каждой звезды

Тьма Ганпати

Венера Венера

Техи садживани видья динхи.

Banasura Ganpati-скорость

Аштамурти Панчанан Чинмай.

Двадаш Джйотирлинг Джйотирмая॥

Бхуван Чатурдаш широкой формы.

Акат Ачинтя Асем Анупа॥

Каши Марат животное Авалоки.

Страна эмансипации

Преданный Бхагиратха интересуется Ракхи.

Джата Баси Ганга Сур Сакхи

Руру Агастья Упаманью Гьяни.

Риши Дадхичи Адиколог 4

Шиварасья Шива Гьян Прачарак.

Шивхин высший любимый фольклор

Свои благоприятные пожелания Шанкар.

Дит Мудит очень редкий жених

Очень щедрая Карунаваруналая.

Харран жалко-жалко-печаль-печаль

Бхаджан, твой лучший благотворитель.

Вип Шудра единственный офицер

Старик, мужчина и женщина Дхьявахин.

Те благочестивый Шивпад

Вы хозяин всех шансов.

Спонтанный, ровный, сердечный последователь॥

Люди, которые тебя укрывают

Точность немедленных лекарств॥




, Доха ||

Сестра Кару, ты скромна, вес твоей матери

Ганау на ага, ага-кастовая черепаха, сделай весь метод.

Напишите свою скромность, которая не является убежищем.

Техи сам кривоватый кубуддхи джана, нахи кубхагья джана койе

Дин-младший, очень грязный, я, Ог, огромен.

Открой благодать, сделай грех все время

Пожалуйста, благослови Судху Барсай Пуни, успокойся.

Медальон Рахо всегда, о друг Купатры.

.. Ити Шри Шива Чалиса заключает.



Нажмите на ссылку ниже и прочитайте.

Аарти Маа Амбе джи


Шив джи изображение

Monday, March 23, 2020

प्रतिदिन 108 बार ॐ नमः शिवाय का जप करें।सही 108 बार शिव पंचाक्षरी मंत्र के बराबर फलदायी होता है।भगवान शिव होते है प्रसन्न।

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108 बार  ॐ नमः शिवाय का जप ।

Bhagwan shiv ji ko khush krne ke liye.
ॐ नमः शिवाय 5 अक्षर का यह मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मन्त्र है जिससे भगवान शिव को स्मरण करने व मन को शांत करने में प्रयोग किया जाता है। यह मात्र एक साधारण सा मंत्र जप नही है इससे बहुत से समस्या का समाधान हो जाता है।
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108 बार शिव जी का स्मरण ओम नमः शिवाय के जप के साथ।

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

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लंबी आयु के लिए 108 बार ॐ नमः शिवाय का जप करें। रूद्र पंचाक्षर मन्त्र

भगवान शिव जी को खुश करने के लिए करें यह जप।


Shiv ji best image

108 बार  ॐ नमः शिवाय का जप ।
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
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ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय


Tuesday, March 17, 2020

Shiv chalisa

For Chalisa arati shiv puja ganesh puja go on home page.


Shiv Shankar pic

Sunday, February 16, 2020

सोमवार के दिन करे भगवान शिव की पूजा । क्यो मनायी जाती है शिव रात्रि।। शंकर जियतT

सोमवार को शिव जी की पूजा करने से

क्या लाभ होता है???



सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ का दिन मन जाता है। भगवान भोले बहुत शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते है। शिव भक्त सोमवार को उपवास रखते है। ऐसी मान्यता है कि यदि 16 सोमवार का उपवास रखा जाए तो हर मनोकामना पूरी होती है

     अविवाहित स्त्रियाँ विवाह के लिए और भगवान शिव की तरह वर की  कामना के लिए भी इस दिन उपवास रखती है।ये मान्यता है कि सोमवार का व्रत रखने से विवाह के संयोग शीघ्र बनते है।।बहुत से राजाओं, ऋषि मुनि, राक्षस ने भगवान भोलेनाथ की तपस्या की और मनचाहा वरदान प्राप्त किये। चूँकि भोलेनाथ भोले है इसीलिए इतनी आसानी मां जाते है।
 इसीलिए  इनका नाम भोलेनाथ भी हैं। परन्तु इस वजह से कई बार इंद्र के सिंहासन पर भी खतरा आया। एक बार तो स्वयं भोलेनाथ भी अपनी ही दिए हुए वर के कारण परेशानी में पड़ गए।


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Shiv ratri ke din bhagwan shiv ki puja. शिवरात्रि क्यो मनाई जाई है।


By worshiping Shiva on Monday




Monday is considered to be the day of Lord Bholenath. Lord Bhole becomes very happy very soon. Shiva devotees fast on Mondays. It is believed that if the fast is kept for 16 Mondays, then every wish is fulfilled.

     Unmarried women fast on this day for marriage and wish for the bridegroom like Lord Shiva. It is believed that keeping the fast on Monday will soon lead to marital coincidences.








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Shiv ratri ke din bhagwan shiv ki puja. Why is Shivratri celebrated?

Shiv Shankar ji pic

Shiv ratri ke din bhagwan shiv ki puja. शिवरात्रि क्यो मनाई जाई है।Shiv ratri 20121,

शिव रात्रि क्यो मनाई जाती है? shiv ratri kyo manayi jati hai? Bhagwan shiv ki puja , 

शिवरात्रि के संबंध में कई मान्यताये है। 

  1. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव और पार्वती की शादी इसी दिन हुई थी। इसी लिए इस  दिन अविवाहित लडकियाँ अपनी शादी के लिए इस दिन उपवास रखती हैं।
  2. दूसरी मान्यता ये है कि इसी दिन ब्रह्मा जी और विष्णु जी का शिव जी मिलान हुआ था और ब्रह्मा जी और विष्णु जी ने इसी दिन शिव जी की आराधना की थी। 
  3. एक और मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी ने इसी दिन भगवान शिव के रौद्र रूप की रचना की थीं। इसी कारण से इस दिन शिवरात्रि मनाया जाता हैं।


शिवरात्रि हर महीने की चतुर्दशी को होता है परंतु  फागुन माह की महाशिवरात्रि का विशेष स्थान है।


वन्दे शम्भूं उमा-पतिं सुर-गुरुं वन्दे जगत्कारणम्
वन्दे पन्नग-भूषणं मृगधरं वन्दे पशूनां पतिम् ।
वन्दे सूर्य-शशांक-वह्नि-नयनं वन्दे मुकुन्द-प्रियम्
वन्दे भक्त-जनाश्रयं च वरदं वन्दे शिवं शंकरम् ॥

कैसे करे शिवरात्रि के दिन पूजा की तैयारी।?

सुबह उठकर स्नान करें। और पूजा की थाली तैयार करें । पूजन सामग्री में भगवान भोलेनाथ को प्रिय सामग्री जैसे बेल पत्र भांग धतूरा अड़हुल का फूल । बेलपत्र एक दिन पहले ही तो ड़ लेना चाहिए।

गणेश चतुर्थी क्यो मनायी जाती है ? क्यो की जाती है गणेश जी की पूजा सबसे पहले?


Shiv ji pic



Monday, January 27, 2020

शिव मंत्र।।इस मंत्र को 5 बार जपने से मिलती है इतनी शक्ति की आप किसी भी परेशानी से बाहर निकल सकते है।




ध्याये नित्यं महेशं रजतं गिरिनिभं चारूचंद्रा वतंसं।
रत्नकल्पोज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।।
 पदमासीनं समन्तात स्तुतममरग्नेकृतिं वसानं।
विश्वाद्यं विश्वबीजं, निखिलभयहरं पंचवक्रं त्रिनेत्रम।।

Sunday, January 26, 2020

रुद्र पंचाक्षर मंत्र! ॐ नमः शिवाय का पूरा मंत्र , इस पूरे मंत्र में छिपा है। ॐ नमः शिवाय के जपने मात्र से इस सम्पूर्ण रुद्र पंचाक्षर मंत्र का लाभ मिलता है ।


Rudra panchakshri mantra ( रुद्र पंचाक्षर मंत्र का उच्चारण करने से आयु बढ़ती हैं)

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै
काराय नमः शिवाय

मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय
नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय
तस्मै
काराय नमः शिवाय

शिवाय गौरीवदनाब्जबृंदा
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय
तस्मै
शिकाराय नमः शिवाय

वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्र देवार्चिता शेखराय ।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय
तस्मै
काराय नमः शिवाय

यज्ञस्वरूपाय जटाधराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मै
काराय नमः शिवाय

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।
शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते


Sunday, January 19, 2020

श्री महामृत्युञ्जय जाप!!


श्री महामृत्युञ्जय जाप!!

प्रतिदिन 5 बार महामृत्युंजय का जप करें।    


ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥


त्र्यंबकम् – तीन नेत्रों वाले
यजामहे –  हम हृदय से जिनका सम्मान करते हैं और पूजते हैं। 
सुगंधिम -जो एक मधुर सुगंध के समान हैं।
पुष्टिः – सम्पूर्णता के साथ या फलने फूलने वाली स्थिति
वर्धनम् – जो पोषण करते हैं, बढ़ने की शक्ति देते हैं।
उर्वारुकम् – ककड़ी
इव – जैसे, इस तरह
बंधनात् – बंधनों से मुक्त करनेवाले
मृत्योः = मृत्यु से
मुक्षीय = मुक्ति दें।
मा = न
अमृतात् = अमरता, मोक्ष


मार्कण्डेय जी ने इस मंत्र की रचना की है । कहा जाता है कि जब यमराज 12 वर्ष के बालक मार्कण्डेय जी को लेने आये तो उन्होंने डर से शिव लिंग का आलिंगन कर लिया था , शिव जी स्वयं प्रकट हो कर यमराज को वापस जाने के लिए कहा।

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Monday, January 13, 2020

महामृत्युंजय मंत्र mahamrityunjay Mantra























महामृत्युंजय मंत्र -

 
जैसा कि सबको पता है कि भगवान शिव विनाश के देव है इसीलिए इन्हें महाकाल भी कहा जाता है। मृत्यु पर विजय पाने के लिए इसी लिए भगवान शिव की उपासना की जाती हैं।

महामृत्युंजय मंत्र -

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

महामृत्युंजय मंत्र  वीडियो।


गणेश जी को प्रसन्न करने का आसान उपाय, जानने के लिये इस लिंक पर click  करे। https://google-spritual.blogspot.com/2020/01/blog-post_23.html?m=1

Sunday, January 12, 2020

श्रीरुद्राष्टकं। इस मंत्र का उच्चारण भगवान राम ने शिव जी की स्थापना की थी रामेश्वरम में।

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥१॥


निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकालकालं कृपालं
गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ॥२॥

तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरं
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥३॥



चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ॥४॥



प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।
त्र्यःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिं
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥५॥


कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥६॥


 यावद् उमानाथपादारविन्दं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
 तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ॥७


 न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ॥८


रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥९॥



इति श्रीगोस्वामीतुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ।।