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Sunday, May 31, 2020

आरती श्री कुबेर जी की, kuber ji ki aarti,

॥ आरती श्री कुबेर जी की ॥

धन के स्वामी शिव के भक्त कुबेर जी हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए बहुत से मन्त्र और उपाय है। कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए और अपनी धन संपत्ति बढ़ाने के लिए कुबेर आरती करें। अक्षय तृतीया के दिन इसका पाठ अवश्य करे।


ऊँ  जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़ें।
दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध बड़ें ।।
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे।
योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं॥
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
गदा त्रिशूल हाथ में,शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
दुख भय संकट मोचन,धनुष टंकार करें॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,स्वामी व्यंजन बहुत बने।
मोहन भोग लगावैं,साथ में उड़द चने॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े
अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे॥
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले।
अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले॥
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,जो कोई नर गावें, स्वामी जो कोई नर गावें।
 प्रेमपाल स्वामी,मनवांछित फल पावें॥
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

Durga mata ki aarti

अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्परवाली

Durga ma ki aarti


आरती श्री दुर्गाजी ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्परवाली,

तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

तेरे भक्तजनों पर माता
भीर पड़ी है भारी।

दानवदल पर टूट पड़ो माँ
करके सिंह सवारी॥

सौ-सौ सिहों से बलशाली,
है अष्ट भुजाओं वाली,

दुष्टों को तू ही ललकारती।

ओ मईया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग में
बड़ा ही निर्मल नाता।

पूत-कपूत सुने है
पर ना माता सुनी कुमाता॥

सब पे करूणा दर्शाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,

दुखियों के दुखड़े निवारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना।

हम तो मांगें तेरे चरणों में
छोटा सा कोना॥

सबकी बिगड़ी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,

सतियों के सत को संवारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी,
ले पूजा की थाली।

वरद हस्त सर पर रख दो माँ
संकट हरने वाली॥

माँ भर दो भक्ति रस प्याली,
अष्ट भुजाओं वाली,

भक्तों के कारज तू ही सारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

Saturday, May 30, 2020

लक्ष्मी माता की आरती।

धन की इच्छा रखने वालों को लिए माता लक्ष्मी की आरती का पाठ अवश्य ही करे। रोजाना ही देवी लकस



ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता।।

ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।

ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।।

ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता।

ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता।।

ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता।।

ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।।

ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।।

ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत,

मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय जय लक्ष्मी माता, ॐ जय जय लक्ष्मी माता।।

॥ Aarti Shri Lakshmi Ji ॥

Om Jai Lakshmi Mata,
Maiya Jai Lakshmi Mata।

Tumako Nishidin Sevat,
Hari Vishnu Vidhata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Uma Rama Brahmani,
Tum Hi Jag-Mata।

Surya-Chandrama Dhyavat
Naarad Rishi Gata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Durga Roop Niranjani,
Sukh Sampatti Data।

Jo Koi Tumako Dhyavat,
Riddhi-Siddhi Dhan Pata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Tum Patal-Nivasini,
Tum Hi Shubhdata।

Karma-Prabhav-Prakashini,
Bhavanidhi Ki Trata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Jis Ghar Mein Tum Rahti,
Sab Sadgun Aata।

Sab Sambhav Ho Jata,
Man Nahi Ghabrata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Tum Bin Yagya Na Hote,
Vastra Na Koi Pata।

Khan-Pan Ka Vaibhav,
Sab Tumase Aata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Shubh-Gun Mandir Sundar,
Kshirodadhi-Jata।

Ratna Chaturdash Tum Bin,
Koi Nahi Pata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Mahalakshmi Ji Ki Aarti,
Jo Koi Jan Gata।

Ur Anand Samata,
Paap Utar Jata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Monday, May 25, 2020

గణేష్ జీ కి ఆర్తి in telugu best result on Google search

గణేష్ జీ కి ఆర్తి in telugu

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జై గణేష్ జై గణేష్
జై గణేష్ దేవా!
జై గణేష్ జై గణేష్
జై గణేష్ దేవా !!!
తల్లి జాకీ పార్వతి తండ్రి మహాదేవ !!
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నాలుగు చేతులు పట్టుకొని ఏక్దాంత్ దయావంత్!
ఏక్దంత్ దయావంత్ నాలుగు చేతుల గీత !!
నుదిటి తిలక్ సోహే మౌస్ రైడ్!
నుదిటి తిలక్ సోహే ముషే రైడ్ !!
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పువ్వులు పెరిగాయి, పండ్లు పోయాయి!
పువ్వులు పువ్వులు మరియు కాయలు పోయాయి !!
సాధువులు ప్రభువును సేవించాలి
లడూన్ యొక్క ఆనందంతో సెయింట్ సేవ చేయాలి !!
జై గణేష్ జై గణేష్
జై గణేష్!
జై గణేష్ జై గణేష్
జై గణేష్ దేవా !!

ગણેશ આરતી ગુજરાતી ભાષા માં

ગણેશ જી ની આરતી




જય ગણેશ જય ગણેશ
જય ગણેશ દેવ!
જય ગણેશ જય ગણેશ
જય ગણેશ દેવા !!!
માતા જાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા !!
માતા જાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા!
જય ગણેશ જય ગણેશ
જય ગણેશ દેવા!
જય ગણેશ જય ગણેશ
જય ગણેશ દેવા !!
માતા જાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા!
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એકદંત દયાવાંત, ચાર હાથ પકડીને!
એકદંત દયાવંત ચાર હાથની પટ્ટી !!
કપાળ તિલક સોહે મૌસે સવારી!
કપાળ તિલક સોહે મુશે સવારી !!
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ફૂલો ગુલાબ થયા, અને ફળો ગયા!
ફૂલો ફૂલો છે અને બદામ ગયા છે !!
સંતોએ ભગવાનની સેવા કરવી જોઈએ
સંતને લાડુઆનની મજા સાથે પીરસી શકાય !!
જય ગણેશ જય ગણેશ
જય ગણેશ!
જય ગણેશ જય ગણેશ
જય ગણેશ દેવા !!
માતા જાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા!
ઝાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા !!
અંધની આંખ રક્તપિત્ત આપે છે
આંધળાને કાયા, કોળિયોને આંખ આપો !!
વંધ્યત્વને માયા અને ગરીબને દીકરો
વંધ્યત્વને માયા અને ગરીબને દીકરો
અંધની આંખ રક્તપિત્ત આપે છે
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વંધ્યત્વને માયા અને ગરીબને દીકરો
વંધ્યત્વને માયા અને ગરીબને દીકરો
સફળ સેવા સાંજે આશ્રયસ્થાનમાં આવવી જોઈએ
સુરા શરણ આવે સફળ સેવા!
માતા જાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા!
માતા જાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા !!
જય ગણેશ જય ગણેશ
જય ગણેશ દેવ!
જય ગણેશ જય ગણેશ
જય ગણેશ દેવ !!
માતા જાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા!
માતા જાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા !!
જય ગણેશ જય ગણેશ
જય ગણેશ દેવ!
માતા જાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા!
માતા જાકી પાર્વતી પિતા મહાદેવા !!

Ganesh aarti in Malyalam

മല്യാലത്തെ ഗണേഷ് ജി കി ആരതി

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ജയ് ഗണേഷ് ജയ് ഗണേഷ്
ജയ് ഗണേഷ് ദേവ!
ജയ് ഗണേഷ് ജയ് ഗണേഷ്
ജയ് ഗണേഷ് ദേവ !!!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി പിതാവ് മഹാദേവ !!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി അച്ഛൻ മഹാദേവ!
ജയ് ഗണേഷ് ജയ് ഗണേഷ്
ജയ് ഗണേഷ് ദേവ!
ജയ് ഗണേഷ് ജയ് ഗണേഷ്
ജയ് ഗണേഷ് ദേവ !!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി അച്ഛൻ മഹാദേവ!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി പിതാവ് മഹാദേവ !!
നാല് കൈകൾ പിടിച്ച് ഏകാദന്ത് ദയാവന്ത്!
ഏകാദന്ത് ദയാവന്ത് നാല് ഭുജ വര !!
നെറ്റി തിലക് സോഹെ മ ou സ് ​​സവാരി!
നെറ്റി തിലക് സോഹെ മുഷെ സവാരി !!
നാല് കൈകൾ പിടിച്ച് ഏകാദന്ത് ദയാവന്ത്!
ഏകാദന്ത് ദയാവന്ത് നാല് ഭുജ വര !!
നെറ്റി തിലക് സോഹെ മ ou സ് ​​സവാരി!
നെറ്റി തിലക് സോഹെ മുഷെ സവാരി !!
പൂക്കളും പൂക്കളും കയറി അണ്ടിപ്പരിപ്പ് ഇല്ലാതായി!
പൂക്കൾ പൂക്കളാണ്, അണ്ടിപ്പരിപ്പ് ഇല്ലാതായി !!
വിശുദ്ധന്മാർ കർത്താവിനെ സേവിക്കണം
ലാദുവിന്റെ ആസ്വാദനത്തോടെ വിശുദ്ധനെ സേവിക്കണം !!
ജയ് ഗണേഷ് ജയ് ഗണേഷ്
ജയ് ഗണേഷ്!
ജയ് ഗണേഷ് ജയ് ഗണേഷ്
ജയ് ഗണേഷ് ദേവ !!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി അച്ഛൻ മഹാദേവ!
സാക്കി പാർവതി പിതാവ് മഹാദേവ !!
അന്ധരുടെ കണ്ണ് കുഷ്ഠം നൽകുന്നു
അന്ധർക്ക് കായ, കുഷ്ഠരോഗിക്ക് കണ്ണ് നൽകുക !!
വന്ധ്യതയിലേക്ക് മായയും മകൻ ദരിദ്രനും
വന്ധ്യതയിലേക്ക് മായയും മകൻ ദരിദ്രനും
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വന്ധ്യതയിലേക്ക് മായയും മകൻ ദരിദ്രനും
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വിജയകരമായ സേവനം വൈകുന്നേരം അഭയം പ്രാപിക്കണം
സുര ശരൺ വിജയകരമായ സേവനം!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി അച്ഛൻ മഹാദേവ!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി പിതാവ് മഹാദേവ !!
ജയ് ഗണേഷ് ജയ് ഗണേഷ്
ജയ് ഗണേഷ് ദേവ!
ജയ് ഗണേഷ് ജയ് ഗണേഷ്
ജയ് ഗണേഷ് ദേവ !!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി അച്ഛൻ മഹാദേവ!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി പിതാവ് മഹാദേവ !!
ജയ് ഗണേഷ് ജയ് ഗണേഷ്
ജയ് ഗണേഷ് ദേവ!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി അച്ഛൻ മഹാദേവ!
അമ്മ ജാക്കി പാർവതി പിതാവ് മഹാദേവ !!

Saturday, May 23, 2020

आरती गंगा मैया की।

Ganga mata ki aarti

गंगा जी को हिंदू धर्म में एक बहुत ही पवित्र स्थान प्राप्त है। इसमें जो भी गंगाजी में स्नान करता है उसके पाप धुल जाते हैं। और गंगा जल की विशेषता है कि इसमें कीड़े नही पड़ते कई सालों तक इसे रखा जा सकता है। भागीरथी जी ने गंगा जी को धरती पर लाने के लिए कई वर्षों तक तपस्या की ।भागीरथी जी को अपने पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए गंगा जी को धरती पर लाना था, लेकिन गंगा जी को धारण करने के लिए शिव जी को मनाना पड़ा।। जब गंगा  जी बड़ी ही तीव्र गति से पृथ्वी की ओर चल पड़ी थी तो उनकी वेग को नियंत्रित करने की क्षमता भगवान शिव के अतिरिक्त किसी में नहीं था उन्होंने अपनी जटाओं में गंगा जी को धारण कर लिया। गंगा जी पवित्रता को ही सबसे निर्मल और आदर्श माना जाता है।  गंगा में 

स्नान करते समय इनकी आरती करने से विशेष लाभ मिलता है।


गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मन वांशित फल पाता ॥
ॐ जय गंगे माता...

चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता ॥
ॐ जय गंगे माता...

पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुखदाता ॥
ॐ जय गंगे माता...

एक बार ही जो तेरी, शरणागति आता ।
यम की त्रास मिटाकर, परम गति पाता ॥
ॐ जय गंगे माता...

आरती मात तुम्हारी, जो जान नित्त जाता ।
दास वही सहज में, मुक्ति को पाता ॥
ॐ जय गंगे माता...

ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मन वांशित फल पाता ॥
ॐ जय गंगे माता...

Sunday, May 10, 2020

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।google best search result about maryada purushottam Sriram, 10 line about Shree Ram

श्री राम जी।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी का भारतीय संस्कृति में अपना अलग ही स्थान है। इनके जीवन से प्रभावित लोग इनका अनुसरण करना चाहते है और इनके कर्म को आत्मसात करना चाहते है। भगवान राम को विष्णु जी का सातवां अवतार माना जाता है।

प्रारंभिक जीवन

प्रभु श्री राम जी ने रघुकुल वंश में महाराज दशरथ के यहाँ जन्म लिया था।
इनकी माता कौशल्या थी। और इनके 3 भाई  लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न थे। इनकी शिक्षा दीक्षा गुरु वशिष्ठ के यहाँ हुई थी।एक बार विश्वमित्र मुनि के आग्रह पर यज्ञ की रक्षा के लिए उनके आश्रम में राम और लक्ष्मण दोनों भ्राता गए। वहाँ उन्होंने खर और दूषण नामक राक्षसो का वध किया।
एक बार आम और लक्ष्मण विश्वामित्र जी के साथ राजा जनक की पुत्री सीता के स्वयम्वर में गए हुए थे जहाँ पर शिव जी की धनुष तोड़ने  का लक्ष्य रखा। जिसको तोड़कर 

Shri ram ji best image


Shri Ram ji.
Maryada Purushottam Shri Ram Ji has his own place in Indian culture. People affected by their lives want to follow them and assimilate their karma. Lord Rama is considered the seventh incarnation of Vishnu. Prabhu Shri Ram ji was born to Maharaja Dasaratha in the Raghukul dynasty.

His mother

Шри Рам Джи. in russian language

Марьяда Пурушоттам Шри Рам Джи имеет свое место в индийской культуре. Люди, затронутые их жизнью, хотят следовать за ними и ассимилировать свою карму. Господь Рама считается седьмым воплощением Вишну.


Ранние годы

Прабху Шри Рам Джи родился у Махараджи Дашаратхи в династии Рагхукул.


Его матерью была Каушалья. И его 3 брата Лакшмана были Бхарата и Шатругна. Его обучение началось в Гуру Вашиштхе, и однажды, по настоянию Вишвамитры Муни, и Рама, и Лакшман отправились в его ашрам, чтобы защитить ягью. Там он убил демонов, называемых Хар и Душан.

Saturday, May 9, 2020

Shani dev ki aarti

Shani dev ki aarti 

शनि देव को खुश करने के लिए काला तिल, सरसों का तेल और उसमें सिक्का डाल कर चढाएं। प्रातः काल प्रत्येक  शनिवार को स्नान करने के बाद  शनिदेव प्रसन्न होते है और विपदा का निवारण होता है।
Shani dev best image

जय जय शनि देवा, जय शनि देवा!
जय जय जय शनि देवा ।।
अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन,
करें तुम्हारी सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,
घोर कष्ट वह पावे।
धन वैभव और मान-कीर्ति,
सब पलभर में मिट जावे।।
राजा नल को लगी शनि दशा,
राजपाट हर लेवा।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा॥
जा पर प्रसन्न होउ तुम स्वामी,
सकल सिद्धि वह पावे।
तुम्हारी कृपा रहे तो,
उसको जग में कौन सतावे।।
ताँबा, तेल और तिल से जो,
करें भक्तजन सेवा।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा॥
हर शनिवार तुम्हारी,
जय-जय कार जगत में होवे।
कलियुग में शनिदेव महात्तम,
दु:ख दरिद्रता धोवे।।
करू आरती भक्ति भाव से,
भेंट चढ़ाऊं मेवा।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा॥

॥ श्री शनि देव आरती॥

चार भुजा तहि छाजै,
गदा हस्त प्यारी ।
जय शनिदेव जी ॥
रवि नन्दन गज वन्दन,
यम अग्रज देवा ।
कष्ट न सो नर पाते,
करते तब सेवा ॥
जय शनिदेव जी ॥
तेज अपार तुम्हारा,
स्वामी सहा नहीं जावे ।
तुम से विमुख जगत में,
सुख नहीं पावे ॥
जय शनिदेव जी ॥
नमो नमः रविनन्दन,
सब ग्रह सिरताजा ।
बन्शीधर यश गावे,
रखियो प्रभु लाजा ॥
जय शनिदेव जी ॥