शिव रात्रि क्यो मनाई जाती है? shiv ratri kyo manayi jati hai? Bhagwan shiv ki puja ,
शिवरात्रि के संबंध में कई मान्यताये है।
- पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव और पार्वती की शादी इसी दिन हुई थी। इसी लिए इस दिन अविवाहित लडकियाँ अपनी शादी के लिए इस दिन उपवास रखती हैं।
- दूसरी मान्यता ये है कि इसी दिन ब्रह्मा जी और विष्णु जी का शिव जी मिलान हुआ था और ब्रह्मा जी और विष्णु जी ने इसी दिन शिव जी की आराधना की थी।
- एक और मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी ने इसी दिन भगवान शिव के रौद्र रूप की रचना की थीं। इसी कारण से इस दिन शिवरात्रि मनाया जाता हैं।
शिवरात्रि हर महीने की चतुर्दशी को होता है परंतु फागुन माह की महाशिवरात्रि का विशेष स्थान है।
वन्दे शम्भूं उमा-पतिं सुर-गुरुं वन्दे जगत्कारणम्
वन्दे पन्नग-भूषणं मृगधरं वन्दे पशूनां पतिम् ।
वन्दे सूर्य-शशांक-वह्नि-नयनं वन्दे मुकुन्द-प्रियम्
वन्दे भक्त-जनाश्रयं च वरदं वन्दे शिवं शंकरम् ॥