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Saturday, February 29, 2020

दुर्गा आरती।

अम्बे माँ की आरती का पाठ  करके मन को शांति मिलती है।


जय अंबे गौरी मैया, जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावततुमको निशदिन ध्यावत।
हरि ब्रह्मा शिवरी।
ओम जय अम्बे गौरी जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी ओम जय अम्बे गौरी।
मांग सिंदूर विराजत टीको मृग मद को।
मैया टीको मृगमद को उज्ज्वल से दो नैना।।
उज्ज्वल से दो नैना चंद्रवदन नीको
ओम जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर।
रक्ताम्बर राजै मैया रक्ताम्बर राजै
रक्तपुष्प गल माला रक्तपुष्प गल माला।।
कण्ठन पर साजै ओम जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी।
मैया खड्ग खप्परधारी सुर नर मुनि जन सेवत
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुखहारी।।
ओम जय अम्बे गौरी कानन कुण्डल शोभित
नासाग्रे मोती मैया नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर कोटिक चन्द्र दिवाकर
सम राजत ज्योति ओम जय अम्बे गौरी।।
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे महिषासुर घाती
मैया महिषासुर घाती धूम्र विलोचन नैना।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती
ओम जय अम्बे गौरी चण्ड-मुण्ड संहारे।।
शोणित बीज हरे मैया शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोउ मारे मधु कैटभ दोउ मारे।
सुर भयहीन करे ओम जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।।
मैया तुम कमला रानी आगम-निगम बखानी
आगम-निगम बखानी तुम शिव पटरानी।
ओम जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरव
मैया नृत्य करत भैरव।
बाजत ताल मृदंगा बाजत ताल मृदंगा
और बाजत डमरु।।
ओम जय अम्बे गौरी

तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता
मैया तुम ही हो भरता भक्तन की दु:ख हरता।
भक्तन की दु:ख हरता सुख सम्पत्ति करता
ओम जय अम्बे गौरी।।
भुजा चार अति शोभित वर-मुद्रा धारी
मैया वर-मुद्रा धारी मनवान्छित फल पावत।
मनवान्छित फल पावत सेवत नर-नारी
ओम जय अम्बे गौरी।।
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती
मैया अगर कपूर बाती श्रिमालकेतु में राजत।
श्रिमालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति
ओम जय अम्बे गौरी श्री अंबेजी की आरती।।
जो कोई नर गावे मैया जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी कहत शिवानंद स्वामी
सुख-संपत्ति पावे।
ओम जय अम्बे गौरी जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी।।
तुमको निशदिन ध्यावत तुमको निशदिन ध्यावतl
हरि ब्रह्मा शिवरी
ओम जय अम्बे गौरी।।