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Thursday, January 16, 2020

Om jay jagdish hare, swami jay jagdish hare.

ॐ जय जगदीश हरे।

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे!
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे, ॐ जय जगदीश हरे!!
जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिन से मन का!
(स्वामी दुःख बिन से मन का)
सुख सम्पति घर आवे!
सुख सम्पति घर आवे!
कष्ट मिटे तन का!!
ॐ जय जगदीश हरे!!
मात पिता तुम मेरे शरण गहूं किसकी!
स्वामी शरण गहूं किसकी!!
तुम बिन और न दूजा
तुम बिन और न दूजा!
आस करूं जिसकी!!
ॐ जय जगदीश हरे!!
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी
स्वामी तुम अन्तर्यामी!!
पारब्रह्म परमेश्वर
पारब्रह्म परमेश्वर
तुम सब के स्वामी
ॐ जय जगदीश हरे!!
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता!
स्वामी तुम पालनकर्ता!!
मैं मूरख खलकामी
मैं सेवक तुम स्वामी!
कृपा करो भर्ता!!

ॐ जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति
स्वामी सबके प्राणपति
किस विध मिलूं गोसाई
किस विध मिलूं गोसाई
तुमको मैं कुमति
ॐ जय जगदीश हरे

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता, ठाकुर तुम मेरे
स्वामी ठाकुर तुम मेरे
अपने हाथ बढ़ाओ
अपने हाथ बढ़ाओ
द्वार पड़ा तेरे
ॐ जय जगदीश हरे

विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
सन्तन की सेवा
ॐ जय जगदीश हरे
जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे, ॐ जय जगदीश हरे
ॐ जय जगदीश हरे, ॐ जय जगदीश हरे

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