हिन्दू धर्म में पूजा पाठ का एक अपना अलग ही महत्व है, पूजा करने और खुश करने का तरीका हर भगवान के
लिये अलग हैं।
सोमवार : सोमवार शिव जी का दिन है, इस दिन भोलेनाथ को खुश करने के लिए बहुत से लोग उपवास भी करते है। विशेष रुप से कन्या । शिव जी को बेलपत्र और अड़हुल का फूल बहुत ही पसंद है। भोले भण्डारी बड़ी सरलता से प्रसन्न हो जाता है। इनको प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा, रुद्राष्टक मंत्र, पंचाक्षर मंत्र, शिव तांडव स्त्रोत्तम आदि का जप करना चाहिए।
मंगलवार: यह दिन रूद्रावतार अर्थात बजरंग बली का दिन है। सारे कष्ट को हरने वाले , बड़े से बड़े संकट को टालने वाले हनुमान जी।बजरंग बाण, हनुमान चालीसा आदि का पाठ करना चाहिए।
बुधवार: अच्छे काम की शुरुआत के लिए अच्छा दिन क्योकि ये दिन शिव पुत्र श्री गणेश जी का है।मोदक इनको बहुत ही प्रिय है। किसी भी पूजा की शुरुआत इनके नाम से ही होई है।
विष्णु जी का दिन माना जाता है। सत्यनारायण भगवान जी का भी दिन है ये। केले के पेड़ की पूजा की जाती है इस दिन।
शुक्र : लक्ष्मी जी का दिन है शुक्रवार। इस दिन संतोषी माता की पूजा की जाती है।
शनिवार: इस दिन हनुमान जी और शनि देव की पूजा की जाती है। विशेतः जिनके शनि की साढ़े साती चलती है । उनके लिए परामर्श है कि काला तील और सरसों का तेल चढ़ाने से उनके ऊपर की विपदा टल जाती है।
रविवार:यह दिन ऊर्जा और तेज के प्रतीक सूर्य देवता का है। सृष्टि की बहुमूल्य और अभिन्न अंग है सूर्य देवता। इस दिन सूर्य भगवान की पूजा से विशेष लाभ मिलता है। प्रतिदिन सूर्योदय के समय जल चढ़ाने से ऊर्जा और यश मिलता है।
लिये अलग हैं।
सोमवार : सोमवार शिव जी का दिन है, इस दिन भोलेनाथ को खुश करने के लिए बहुत से लोग उपवास भी करते है। विशेष रुप से कन्या । शिव जी को बेलपत्र और अड़हुल का फूल बहुत ही पसंद है। भोले भण्डारी बड़ी सरलता से प्रसन्न हो जाता है। इनको प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा, रुद्राष्टक मंत्र, पंचाक्षर मंत्र, शिव तांडव स्त्रोत्तम आदि का जप करना चाहिए।
मंगलवार: यह दिन रूद्रावतार अर्थात बजरंग बली का दिन है। सारे कष्ट को हरने वाले , बड़े से बड़े संकट को टालने वाले हनुमान जी।बजरंग बाण, हनुमान चालीसा आदि का पाठ करना चाहिए।
बुधवार: अच्छे काम की शुरुआत के लिए अच्छा दिन क्योकि ये दिन शिव पुत्र श्री गणेश जी का है।मोदक इनको बहुत ही प्रिय है। किसी भी पूजा की शुरुआत इनके नाम से ही होई है।
विष्णु जी का दिन माना जाता है। सत्यनारायण भगवान जी का भी दिन है ये। केले के पेड़ की पूजा की जाती है इस दिन।
शुक्र : लक्ष्मी जी का दिन है शुक्रवार। इस दिन संतोषी माता की पूजा की जाती है।
शनिवार: इस दिन हनुमान जी और शनि देव की पूजा की जाती है। विशेतः जिनके शनि की साढ़े साती चलती है । उनके लिए परामर्श है कि काला तील और सरसों का तेल चढ़ाने से उनके ऊपर की विपदा टल जाती है।
रविवार:यह दिन ऊर्जा और तेज के प्रतीक सूर्य देवता का है। सृष्टि की बहुमूल्य और अभिन्न अंग है सूर्य देवता। इस दिन सूर्य भगवान की पूजा से विशेष लाभ मिलता है। प्रतिदिन सूर्योदय के समय जल चढ़ाने से ऊर्जा और यश मिलता है।