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Thursday, January 9, 2020

7 बार प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जप करने से घर में आती है समृद्धि। (5 bar gayatri mantra ke jap se hota hai ye labh)

7 बार गायत्री मंत्र का जप अवश्य करें।

गायत्री मंत्र (Gaytri mantra) gayatri mantra ke labh

ऋग्वेद में 10000 मंत्र है ।गायत्री मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद  में एक शक्तिशाली मन्त्र के रूप में किया गया है।इसमे 24 अक्षर है। इस मन्त्र को सावित्री मंत्र बीज कहा जाता है।
गायत्री मंत्र एक बहुत ही असाधारण मंत्र हैं, गायत्री मंत्र का जप प्रतिदिन करना चाहिए। इसके प्रतिदिन जप करने से भय पर विजय प्राप्त होती है तथा आत्म विश्वास बढ़ता है।

गायत्री मंत्र की रचना

 गायत्री मंत्र की रचना विश्वमित्र जी ने की है। इस मंत्र को ॐ शब्द के बराबर महत्वपूर्ण बताया जाता है। इससे सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और जीवन मे सकरात्मकता आती है।इस मंत्र के साथ अलग अलग बीज मंत्र लगा कर अलग अलग लाभ के लिए जप किया जाता है।गायत्री मंत्र एक छन्द भी है जिसका वर्णन ऋग्वेद में निम्नलिख्त रूप से किया है
Gaytri mata
तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गोदेवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।
 (ऋग्वेद ३,६२,१०)

गायत्री मंत्र के जप का समय

गायत्री मंत्र के जप का उचित समय तो सूर्योदय से पहले होता है। इसके सूर्योदय से पहले जप करने से अधिकतम लाभ प्राप्ति होती है।
परन्तु गायत्री मंत्र को स्नान के पश्चात कभी भी कर सकते है। रात्रि में सोने से पहले भी इसका जाप किया जा सकता है। परन्तु शरीर शुद्ध होना चाहिए।
  

गायत्री मंत्र के जप से लाभ

गायत्री मंत्र के जप अनगिनत लाभ है। इसके प्रतिदिन 7 बार जप करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। इसका जप विद्यार्थी, व्यापारी इत्यादि को करना चाहिए।

सोने से पहले गायत्री मंत्र जप करने से लाभ 

हमने देखा है कुछ लोगो को बुरे सपने आते है, अतः उन्हें सोने से पहले गायत्री मंत्र का जप करने से बुरे सपने नही आते। रात को भय नही लगता।


किसको करना चाहिए गायत्री मंत्र का जप:

गायत्री मंत्र का जप हर उस व्यक्ति को करना चाहिए जिसके अंदर नकारात्मक विचार आते हैं। जिसे हर छोटी बड़ी बात पर क्रोध  आता हो। जिसे बहुत ज्यादा भय लगता हो।

ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्स वीतुर्वरण्यम।
भर्गो देवस्य: धीमही
धियो योन: प्रचोदयात्।।


गायत्री मंत्र का अर्थ


Om bhurvah bhuvah svah
Tatsa viturvareniyam
bhargo devasyah deemahi
dhiyo yonah prachodayaat.


ॐ = 'ओम' के रूप में उच्चारण।
भूर्भुवः = पृथ्वी और पृथ्वी के तुरंत ऊपर की दुनिया;
स्वः = अपना;
तत्सवितुर्वरेण = जो सभी सूर्य के रूप में महान व्यक्ति का निर्माण करते हैं;
भारो = चमक; प्रतिभा;
देवस्य = ईश्वर का
धीमही = ध्यान कर सकता है;
धियो = बुद्धि और मन;
ॐ = pronounced as `OM'.
भूर्भुवः = the Earth and the world immediately above the earth; 
स्वः = one's own; 
तत्सवितुर्वरेण्यं = that all creating great person in the form of sun; 
भर्गो = radiance; brilliance; 
देवस्य = god's; 
धीमहि = May meditate; 
धियो = intellect and mind ;
यो = He who; 
नः = us; to us or ours; 
प्रचोदयात् = Kindle.

Gaytri mantra in Malyalam

ഓം ഭുഭുവ്
തട്ടു വീട്ടുഭാര്യം.
ഭാർഗോ ദേവസ്യ: ധീമി
ധിയോ യോൺ: പ്രചോദായത്ത്.

Gaytri mantra Tamil  In language 

ஓம் புர்புவ்
தட்சா வீதுவரண்யம்.
பார்கோ தேவஸ்யா: மெதுவாக
தியோ யோன்: பிரச்சோதயத்.


What is Gaytri Mantra.

Gayatri Mantra is a very extraordinary mantra, one should chant the Gayatri Mantra daily. By chanting it daily, fear is overcome and self confidence increases. Negative energy goes away and positiveness comes in life.

what is best Gayatri Mantra Chanting Time.

The proper time to chant the Gayatri Mantra is before sunrise. Chanting it before sunrise gives maximum benefit.But Gayatri Mantra can be done at any time after bathing. It can be recited even before sleeping at night. But the body should be pure.

Benefits of chanting Gayatri Mantra

Chanting Gayatri Mantra has countless benefits. Chanting it 7 times daily increases confidence. Students, businessmen etc. should chant this.

Benefits of chanting Gayatri Mantra before sleeping

We have seen some people have nightmares, so they do not have nightmares by chanting Gayatri Mantra before sleeping. There is no fear in the night.

Who should chant the Gayatri Mantra:

Every person who has negative thoughts should chant the Gayatri Mantra. Who gets angry at every small thing. Who is very afraid

Om Bhurbhuvh swah

Tatsa Veetuvaranyam.

Bhargo Devasya dhimahi

Dhio yonh Prachaodayat.

Om bhurvah bhuvah svah

Tatsa viturvareniyam

bhargo devasyah deemahi

dhiyo yonah prachodayaat.


#Meaning of #Gaytri mantra in english.

#word to word meaning of gaytri manta 


ॐ = pronounced as `OM '.

Bhurbhuvah = the Earth and the world immediately above the earth;

Self = one's own;

Tatsvituvarnayan = that all creating great person in the form of sun;

Bhargo = radiance; brilliance;

Devasya = god's;

Dhimahi = may meditate;

Dhio = intellect and mind;

Yo = He who;

Nah = us; to us or ours;

Prachaodayat = Kindle.